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हनी ट्रैप मामले में अभी आरोपी बरी नहीं, इंदौर हाईकोर्ट में है विचाराधीन

फिलहाल मानव तस्करी मामले में अवश्य मिली राहत, पहले कांग्रेस, उसके बाद भाजपा सरकार ने भी मामले को दबाने के ही अधिक किए प्रयास

इंदौर। प्रदेश की राजनीति (Politics) और अफसरशाही (bureaucracy) में भूचाल ला देने वाले बहुचर्चित हनी ट्रैप (honey trap) से जुड़े एक मामले में भोपाल (Bhopal) कोर्ट ने तीनों महिला आरोपियों (accused) को बरी (acquitted) कर दिया है। हालांकि शासन की ओर से यह दावा भी सामने आया कि वह मानव तस्करी से जुड़े इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) में अपील करेगा, लेकिन हनी ट्रैप का जो असल केस इंदौर में दर्ज हुआ था, उसकी अभी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। हालांकि पहले कांग्रेस सरकार और उसके बाद भाजपा ने भी इस मामले को दबाने-छुपाने के ही प्रयास किए और जो चेहरे इसमें शामिल बताए गए, उनकी पहचान उजागर नहीं की गई। सिर्फ मीडिया के जरिए ही कुछ नेताओं, मंत्रियों, अफसरों के इसमें लिप्त होने की जानकारी सामने आई।


अग्निबाण ने भी हनी ट्रैप से जुड़े कई चौंकाने वाले राज उजागर किए। मगर उसके बाद यह मामला चूंकि कोर्ट के विचाराधीन हो गया और इसी बीच प्रदेश में तख्तापलट भी हुआ। दरअसल, जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार काबिज थी तब 17 सितम्बर 2019 को इंदौर नगर निगम के ही तत्कालीन मुख्य अभियंता हरभजन सिंह ने पलासिया थाने पर इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कुछ युवतियों द्वारा उनके अश्लील वीडियो बना लिए और अब उन्हें ब्लैकमेल करते हुए तीन करोड़ रुपए की मांग की गई है। थाने में की गई इस शिकायत के बाद पुलिस ने 6 महिलाओं सहित 8 को आरोपी बनाया, जिसमें आरती, मोनिका, श्वेता पति विजय और बरखा, श्वेता पति स्वप्निल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और लम्बे समय तक ये आरोपी इंदौर की जेल में ही बंद रहे और उसके बाद इनकी जमानत हुई। इसमें गाड़ी के ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया था। अभिषेक ठाकुर सहित अन्य आरोपित बने। पिछले दिनों ही पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को भी कोर्ट से बड़ी राहत मिली। दरअसल पहले कमलनाथ ने यह दावा किया था कि हनी ट्रैप मामले की सीडी और पेन ड्राइव उनके पास है, लेकिन बाद में वे पलट गए और बोले कि उन्होंने सिर्फ 29 सेकंड की क्लिप ही देखी थी। हालांकि आरोपियों ने कोर्ट में आपत्ति लेते हुए कमलनाथ के पास पेन ड्राइव और सीडी कहां से आई और उन्हें किसने दी, इसका खुलासा होना चाहिए। हालांकि एसआईटी ने पूर्व में नोटिस भी जारी किया था। मगर बाद में कोर्ट ने कमलनाथ को राहत दे दी। इंदौर से भोपाल और दिल्ली तक ये हनी ट्रैप सुर्खियों में रहा और मानव तस्करी का जो केस तीनों आरोपियों श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक पर लगाया था उस मामले में कोर्ट ने उन्हें कल बरी कर दिया। उसके पूर्व ट्रायल के दौरान ही कोर्ट ने एक अन्य आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन को भी बरी कर दिया था। लम्बी बहस के बाद मानव तस्करी का यह मामला खत्म हुआ। मगर हनी ट्रैप का जो मूल मामला इंदौर में दर्ज हुआ था, वह फिलहाल जांच में है और इंदौर हाईकोर्ट में भी उसकी सुनवाई चल रही है।

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