भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

माता रानी की भक्ति में मग्न हुई राजधानी

  • शक्ति की आराधना के लिए सजे मां के दरबार…59 साल बाद चतुग्रही योग में नवरात्रि शुरू
  • आज से हर तरफ रहेगा शक्ति की उपासना उल्लास, माता मंदिरों में होंगे यज्ञ-हवन और अनुष्ठान

भोपाल। शक्ति की उपासना के नौ दिनी पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हर्षोल्लास के साथ हुई। इस बार मां दुर्गा समृद्धि का प्रतीक गज पर सवार होकर आई हैं। शहर में जगह-जगह अलग स्वरूप बने पंडालों में माता की 15-20 फीट उंची तक की मूर्तियों को विराजित किया जाएगा। दिनभर विधि-विधान से माता का आव्हानकर घट स्थापना होगी। इस बार नवरात्र के नौ दिनी में से छह दिन मंगलकारी संयोग बनेगा। इसमें एक दिन द्विपुष्कर, दो दिन सर्वार्थसिद्धि और तीन दिन रवि योग बनेंगे। इस दौरान पंडालों में गरबे खेले जाएंगे।
शारदीय नवरात्रि शुक्ल योग और ब्रह्म योग में शुरू होगी। वही कन्या राशि में बुध, सूर्य, शुक्र, चंद्रमा मिलकर चतुर ग्रही योग का निर्माण करेंगे। शुक्र ग्रह कन्या में नीच के होते हैं। किंतु बुध के साथ होने से नीच राज भंग योग बनाएंगे जिससे लक्ष्मी मां प्रसन्न होंगी। शारदीय नवरात्रि में यह दोनों योग के होने से माता के भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि बढ़ेगी। संतान शिक्षा के साथ स्त्रियों के लिए धन प्राप्ति के अवसर नवरात्रि पर बनेंगे। तथा सर्वत खुशहाली और सुख संपदा फैलेगी।

दो वर्ष बाद नवरात्रि का उल्लास
कोरोना के कारण दो साल बाद नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। इससे शहरवासियों में नवरात्र को लेकर दोगुना उत्साह है। शहर के अलग-अलग इलाकों में 500 से अधिक पंडाल में माता रानी की झांकी सजाई गई है। जिसमें मां दुर्गा जी शुभ मुहूर्त में विराजित की गई हैं। वहीं शहर के सोमवारा चौक जय भवानी कफ्र्य वाली माता मंदिर, माता मंदिर, कोलार मां पहाड़ा वाली मंदिर, कालीघाट मंदिर छोटा तालाब सहित सभी माता मंदिरों की विद्युत साज-सज्जा की गई है। घट स्थापना के साथ मंदिरों में मातारानी की पूजा-अर्चना हो रही है।

गृहस्थों के लिए धन प्राप्ति का अवसर
आपको बता दें कि जिस दिन से नवरात्रि प्रारंभ होता है, उसी दिन माता अपने वाहन पर सवार होकर आती हैं। इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और विदाई भी हाथी पर ही लेंगी। माता अपने भक्तों को एक विशेष संकेत भी देती हैं। जिन गृहस्थों को धन की कमी महसूस होती हो, उन्हें माता लक्ष्मी की उपासना में कनकधारा स्रोत लक्ष्मी स्रोत श्रीसूक्त के पाठ से उपासना करनी चाहिए। बच्चों में शिक्षा का विशिष्ट अनुक्रम स्थापित ना हो पाता हो, तो उनके लिए माता सरस्वती की साधना विशेष फलदायक रहेगी।


चार अक्टूबर को नवमीं
शारदीय नवरात्रि इस वर्ष पूरे नौ दिन की हैं। महा पुण्यदायिनी अष्टमी तिथि सोमवार तीन अक्टूबर को है। इस दिन माता के महागौरी रूप की पूजा की जाती है। मंगलवार 04 अक्टूबर को दिन के 01 बजकर 32 मिनट तक नवमीं रहेगी। इसमें हवन आदि सम्पन्न होंगे। उसके बाद दशमीं शुरू हो जाएगी।

सात दिन रहेंगे अति शुभ
इस वर्ष नवरात्रि के नौ दिन में से सात दिन अत्यंत शुभ और कल्याणकारी रहेंगे। वार तथा नक्षत्र के विशेष संयोजन से कुल 28 प्रकार के योग निर्मित होते हैं। ये अति बलवान योग सोमवार से आरम्भ होने वाली नवरात्रि के दूसरे दिन से शुरू हो रहे हैं। इनमें से कतिपय खास योग अति बलवान होते हैं और उनमें किए गए कार्यों में सफलता, समृद्धि आदि की वर्षा होती है।

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