इंदौर न्यूज़ (Indore News)

एक दर्जन एल्डरमैनों की नियुक्ति की सुगबुगाहट शुरू

चुनावी मोड में आई भाजपा, प्रदेशभर में 900 से अधिक एल्डरमैनों को निगम, मंडल, प्राधिकरणों में भी मिलेगा मौका
इंदौर। भाजपा (BJP) पूरी तरह से चुनावी मोड (electoral mode) में आ चुकी है। सत्ता, संगठन और उससे जुड़े सभी सहयोगी संगठनों (affiliates) की लगातार बैठकें चल रही हैं, जिनमें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) की रणनीति (strategy)  पर चर्चा की जा रही है। नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव भी पिछले दिनों सम्पन्न हुए। बचे नगरीय निकायों के चुनाव भी चल रहे हैं। इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation)  में भी महापौर सहित भाजपा (BJP) की परिषद काबिज हो गई है। लिहाजा अब वह एक दर्जन तक एल्डरमैन (alderman)  की नियुक्ति होने की सुगबुगाहट चल रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेशभर में 900 से अधिक एल्डरमैनों की नियुक्ति कर नेताओं-कार्यकर्ताओं को उपकृत किया जाएगा। इसी तरह बचे हुए निगम, मंडल, प्राधिकरण व अन्य बोर्ड में भी राजनीतिक नियुक्तियां शुरू की जाएगी। पहले विधानसभा और उसके बाद निगम चुनावों में टिकट से वंचित करे नेताओं को इनमें नियुक्त कर संतुष्ट किया जाएगा, ताकि विधानसभा चुनाव में बागी के रूप में वे पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचा सके।


शासन जल्द ही नगर पालिका अधिनियम में भी संशोधन करने जा रहा है, जिसके चलते एल्डरमैनों की संख्या बढ़ाकर दो गुनी तक कर दी जाएगी। अभी इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में 6-6 एल्डरमैन नियुक्त किए जा सकते हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 12 तक कराई जाएगी, ताकि अधिक से अधिक नेताओं-कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जा सके। अभी पिछले दिनों ही इंदौर सहित प्रदेश के कई नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव भी हुए हैं, जिनमें भाजपा (BJP) को अपेक्षित सफलता नहीं मली। यहां तक कि 16 निगमों में से 7 निगम उसके हाथ से चली गई। यहां तक कि ग्वालियर में भी सालों बाद कांग्रेस के महापौर ने चुनाव जीत लिया। इंदौर चूंकि भाजपा का अभेद्य गढ़ बन चुका है, लिहाजा यहां पर अधिकांश पार्षदों के साथ-साथ महापौर भी भाजपा के चुने गए। अब चूंकि विधानसभा चुनाव में लगभग एक साल का ही समय बचा है और अगले साल अक्टूबर-नवम्बर में ये चुनाव होना है। लिहाजा अब धड़ाधड़ राजनीतिक नियुक्तियों के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होगा और जो कुछ मंत्री पद बाकी हैं उन पर भी नियुक्ति की जाएगी। विधानसभा के मानसून सत्र में नगर पालिका अधिनियम संशोधन विधेयक शासन की ओर से प्रस्तुत किया जा रहा है। नगरीय विकास और आवास विभाग ने इसे तैयार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक 900 से अधिक एल्डरमैनों की नियुक्ति प्रदेशभर के नगरीय निकायों में की जाएगी और इंदौर जैसे बड़े नगर निगमों में यह संख्या एक दर्जन तक हो सकती है। पूर्व में भी इंदौर में शासन ने कुछ एल्डरमैन नियुक्त किए थे। अब एक बार फिर निगम चुनाव में टिकट से वंचित रहे और नाराज चल रहे नेताओं को एल्डरमैन बनाकर उपकृत किया जाएगा। इसी तरह हाउसिंग बोर्ड, प्राधिकरण से लेकर निगम मंडलों में भी राजनीतिक नियुक्तियां होना है। इंदौर विकास प्राधिकरण में भी अभी सिर्फ अध्यक्ष ही बनाया है और बाकी बोर्ड का गठन नहीं किया गया। लिहाजा प्राधिकरण में भी उपाध्यक्ष से लेकर अन्य पदों व संचालक मंडल के लिए भी कई नेता-कार्यकर्ता ललायित हैं। अब देखना यह है कि ये नियुक्तियां कब तक होती हैं।

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