ज़रा हटके विदेश

अंडरगार्मेंट से लेकर सब कुछ दूसरों के उतारे हुए पहनती है लड़की, ये है खास वजह

डेस्क: वैसे तो लड़कियों को हर मौके पर नए कपड़े खरीदने का शौक होता है. हर मौके पर लड़कियां नए कपड़े पहनकर सबसे अलग दिखना चाहती हैं. उनके हाथ में जैसे ही पैसे आते हैं, वह तुरंत ही कपड़ों और जूतों की शॉपिंग करती हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अंडरवियर से लेकर ब्रा तक सब कुछ दूसरों के उतारे हुए पहनती है.

आप सोच रहे होंगे कि यह कोई गरीब लड़की होगी, जिसके पास कपड़े खरीदने के लिए पैसे नहीं होंगे. इसलिए लड़की दूसरों के उतारे हुए कपड़े पहनती है! जी नहीं, लड़की बिल्कुल भी गरीब नहीं है. यह लड़की मार्केटिंग इंडस्ट्री में काम करती है और इसके पास पैसों की कोई किल्लत नहीं है. यह लड़की दूसरों के उतारे हुए कपड़े किसी खास मकसद से पहनती है.

अंडरगार्मेंट भी नए नहीं खरीदती हैं बेकी
ब्रिटेन की रहने वाली 24 साल की बेकी ह्यूफ्स (Becky Hughes) ने पिछले 2 सालों से अपने लिए कोई नए कपड़े नहीं खरीदे हैं. बल्कि नए कपड़ों की जगह बेकी सेकंड हैंड कपड़े खरीदती हैं. दरअसल, बेकी ने ऐसा करके लाखों रुपये की बचत की है. इसी वजह से वह अपने लिए कोई नए कपड़े नहीं खरीदती हैं. यहां तक कि वह अपने अंडरगार्मेंट्स भी नए नहीं खरीदती हैं, बल्कि उन्हें भी वह सेकंड हैंड ही खरीदती हैं.


‘द मिरर’ की खबर के अनुसार, बेकी ने तीन साल पहले कसम खाई थी कि वह नए कपड़ों की बजाय सेकंड हैंड कपड़े खरीदेंगी. यह उनके पैसे बचाने का एक अनोखा तरीका भी है. बेकी का कहना है कि नए हों या सेकंड हैंड कपड़े, दोनों देखने में एक जैसे लगते हैं. वहीं दोनों की कीमतों में जमीन-आसमान का फर्क होता है. इसलिए नए कपड़ों में खर्च करना फालतू है.

बेकी खरीदती हैं चैरिटी के कपड़े
बेकी ब्रिटेन के वॉल्वरहैम्पटन में रहती हैं. उन्होंने साल 2018 से नए कपड़े छोड़कर सेकंड हैंड कपड़े खरीदने शुरू किए. बेकी चैरिटी शॉप तथा ऐप्स से सेकंड हैंड कपड़े खरीदती हैं. बेकी बताती हैं कि उनके कलेक्शन में डिजाइनर्स के कपडे़ शामिल हैं. वह बताती हैं कि जहां ये कपड़े नए खरीदने पर उन्हें 40 से 50 हजार रुपये खर्च करने पड़ते, वहीं इन्हें सिर्फ 400-500 रुपये में उन्होंने खरीदा है.

वह बताती हैं कि महीने में 1000-1500 रुपये खर्च करके वह काफी अच्छे कपड़े खरीद लेती हैं. बेकी ने अपने अंडरगार्मेंट्स भी चैरिटी शॉप्स से ही खरीदे हैं. वह बताती हैं कि उनके पास ब्रा का कलेक्शन है. चैरिटी शॉप्स से कपड़े खरीदकर वह हर साल 2 से ढाई लाख रुपये बचा लेती हैं. सिर्फ यही नहीं बेकी अपने उतारे हुए कपड़े बेच भी देती हैं. ऐसे में उन्हें पुराने कपड़ों के बदले भी पैसे मिल जाते हैं और उनकी वॉर्डरोब भी सही रहती है.

Share:

Next Post

मुंबई : पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ में 11 दिन के भीतर मिले 1023 बच्चे कोरोना संक्रमित

Thu Jan 13 , 2022
मुंबई । पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ शहर (Pimpri-Chinchwad city) में पिछले 11 दिनों में 1023 बच्चे कोरोना संक्रमित (child corona infected) हुए हैं। इनमें से 4 बच्चों का इलाज जीजामाता अस्पताल (Jijamata Hospital) में हो रहा है। अन्य सभी बच्चों में कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए हैं, इसलिए इन बच्चों को उनके घर पर ही […]