नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) से मुलाकात की. यह मुलाकात खेल मंत्री के बुलावे पर की गई. बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) के नेतृत्व में पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री के साथ 6 घंटे से भी अधिक समय तक बैठक की. बैठक के बाद अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने उनकी अधिकांश मांगों (most demands) पर सहमति जताई है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों के आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जाएगा और तब तक पहलवान अपना आंदोलन रोकने पर सहमति हो गए हैं. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा,‘बहुत अच्छे वातावरण में सकारात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मुद्दे पर हुई है. लगभग छह घंटे चली इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई , उसमें पहलवानों के आरोपों की जांच करके 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल करने की मांग शामिल है.’
हालांकि, बृजभूषण की गिरफ्तारी की खिलाड़ियों की मुख्य मांग पर किसी भी पक्ष की ओर से फिलहाल कुछ नहीं कहा गया. एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों के यौन उत्पीडन के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने खेलमंत्री ठाकुर के न्योते पर आज उनके आवास पर उनसे मुलाकात की. विनेश फोगाट इस बैठक में शामिल नहीं हुई.
अनुराग ठाकुर ने कहा ,‘बैठक में सभी फैसले आपसी सहमति से लिए गए. खिलाड़ियों ने जो सुझाव रखे उनमें भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव 30 जून तक कराए जाने की मांग शामिल है. इसके अलावा बृजभूषण शरण सिंह और उनसे संबंधित लोग महासंघ में चुनकर न आएं. उन्होंने कहा कि पहलवानों ने मांग की है कि डब्ल्यूएफआई की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे.
रेसलर्स की अगली मांग थी कि जब तक डब्ल्यूएफआई के चुनाव नहीं होते ,तब तक आईओए की तदर्थ समिति में 2 कोचों के नाम प्रस्तावित किए जाएं, ताकि तकनीकी दिक्कतें नहीं आए. खेलमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों की यह भी मांग थी कि महिला खिलाड़ी या बाकी खिलाड़ियो को आवश्यकतानुसार सुरक्षा मिले. जिन खिलाड़ियों या अखाड़ों या कोचों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन मुकदमों को वापिस लिया जाए.
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