जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

अराजक हुए मौलाना के उन्मादी बोल

  • भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल, काले गुनाह छुपाने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे की तैयारी
  • खुद की अदालत लगाकर कादरी ने किया अपने आप को ‘बा इज्जत बरी’

जबलपुर। मौलाना इम्तियाज उल कादरी एक ऐसा धर्म गुरु जो कि धर्म की आड़ में सभी प्रकार के काले धंधे में शामिल है। जब लगातार पोल खुलने लगी तो मौलाना सकते में आ गया और खुद ही स्पष्टीकरण का विवादित वीडियो जारी कर दिया। इन सब में प्रमुख बात यह है कि मौलाना ने अपने ऊपर सभी आरोपों में अपनी स्वघोषित अदालत में अपने आप को बा इज्जत बरी कर लिया। मौलाना द्वारा वीडियो में कई प्रकार के विवादित बयान दिए हैं, जिससे कि धार्मिक उन्माद फैल सकता है। मौलाना वीडियो में यह कहता नजर आ रहा है कि वर्तमान में जो शक्तियां सरकार में बैठी हुई है वह वह विशेष संप्रदाय को आगे नहीं बढऩे देना चाह रही हैं। इसलिए हमको किसी पर भरोसा ना करते हुए खुद आगे आना होगा व अधिकारों के लिए लडऩा होगा। मौलाना का यह बयान धार्मिक उन्माद फैलाने जैसा है और अराजकता को जन्म दे रहा है। इसके पूर्व भी सीएए-एनआरसी के वक्त मौलाना का रोल बड़ा ही विवादित रह चुका है, जिसकी जांच वर्तमान में अभी तक जारी है तथा ईद के वक्त हुए विवादों में मौलाना द्वारा पहले लोगों को भड़काया गया और बाद में शांति दूत बनकर प्रशासन के सामने आवाम को शांत रहने की समझाइश देता नजर आ रहा था।


एक ऐसा धर्मगुरु जिसको लेकर अग्निबाण द्वारा लगातार उसके काले चेहरे से पाठकों को अवगत कराया कि कैसे धर्म की आड़ में मौलाना एक भू-माफिया है। मदरसों की जमीन पर प्लाटिंग का कार्य करता है और इसके मदरसों के ट्रस्ट में होने वाली फंडिंग भी जांच के घेरे में है। इसके अलावा धार्मिक उन्माद फैलाने का भी कार्य मौलाना द्वारा समय-समय पर किया गया है। लगातार अग्निबाण बिंदुवार तरीके से मौलाना के काले चि_े का खुलासा कर चुका है। इस बीच मौलाना ने हर वो चाल चली जिसमें की उसकी खबरें रुक जाए, पर वह अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पाया। इस दौरान मौलाना ने वीडियो जारी करते हुए अपना स्पष्टीकरण भी दे दिया, पर वह भूल गया कि जिस प्रकार से वह चंद चेलों को अपने सामने बैठाकर झूठ बोल रहा है वह झूठ उसी पर भारी पड़ जाएगा। अग्निबाण द्वारा मौलाना के सभी झूठों का पर्दाफाश बिन्दुवार तरीके से किया जा रहा है जैसा कि वह वीडियो में कहता नजर आ रहा है।

1- मौलाना वीडियो में वारेलाल की जमीन को लेकर अपने आप को निर्दोष बता रहा है। मौलाना के अनुसार वारेलाल से 664 खसरा के मैटर में 1996 में इसरार हुसैन ने बारेलाल से पावर ऑफ अटॉर्नी ली और इसी के आधार पर 20/ 11/2001 को रजिस्ट्री करा ली और तुरंत दूसरे दिन ही सिकंदर बानो नाम की महिला को 21/11 /2001 को बेच दी ।

  • रियल फैक्ट: सच्चाई कुछ और ही बयां करती है अग्निबाण द्वारा जब वारेलाल के परिवार जनों से संपर्क किया गया तो कुछ और ही तथ्य सामने आए । बारेलाल के मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार उसकी मौत 28/7/2001 को हो चुकी थी। अर्थात वारेलाल के मरने के बाद उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी भी समाप्त हो जाती है फिर कैसे रजिस्ट्री कर दी गई। सबसे प्रमुख बात मौलाना ने 20 नवंबर 2001 को जमीन खरीदी और दूसरे दिन ही 21 नवंबर को जमीन का सौदा कर दिया है। आखिर मौलाना को जमीन बेचने की इतनी जल्दी क्यों थी। यह सारी बातें मौलाना द्वारा कहीं जाने वाली बातों से बिल्कुल अलग है। नियमानुसार किसी के मरने के बाद उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी भी तुरंत समाप्त हो जाती है। वारे लाल की पत्नी व पुत्री बुधियाबाई व गिरिजा बाई ने कोर्ट में इस मामले को लेकर तुरंत केस दायर किया जिसमें कि कोर्ट को अवगत कराया कि कैसे फर्जी तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग करके मौलाना ने रजिस्ट्री करा ली। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक को 5/1/2012 को शिकायत की गई। मामले में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए 2012 को केस को सही पाया तथा थाने को एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए। न्यायाधीश आरके डेहरिया की कोर्ट ने इम्तियाज मौलाना को जमीन के विक्रय करने से भी रोक लगा दी। इस फैसले के खिलाफ मौलाना ने ऊपर की अदालत में याचिका दायर की, परंतु ऊपर की अदालत ने भी प्रथम दृष्टया में मामला 420 का पाया जाने के बाद मौलाना की याचिका निरस्त कर दी। जिसके बाद अधारताल थाने में मौलाना इम्तियाज के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।

2- वीडियो में मौलाना इम्तियाजुल कह रहा है कि उसके पास हनुमानताल थाने की एनओसी है अर्थात उसके खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है जबकि अग्निबाण की फैक्ट फाइल कुछ और ही कहती है।

  • रियल फैक्ट: मौलाना लाख चाहे अपने आप को निर्दोष बता दे और भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाकर अपना स्पष्टीकरण देता रहे सच्चाई कुछ और ही है। हनुमानताल थाने से चरित्र प्रमाण पत्र बनवा कर अपने आप को पाक साफ बता रहा है जबकि मामला अधारताल में दर्ज है और गोहलपुर थाने में 420 के प्रकरण में जांच जारी है।

3- मौलाना अपने आप को मदरसे की जमीन पर भी अपने ही एक चेले को आगे करते हुए सफाई देता फिर रहा है कि कमेटी के कहने पर उसने रजिस्ट्री की और जमीन खरीदी।

  • रियल फैक्ट: मौलाना द्वारा शहर में 3 मदरसों का संचालन किया जा रहा है और 10 से 15 मदरसों के नाम पर जमीने अनाधिकृत रूप से ली हैं, जिसमें की आधी जमीनों पर मौलाना ने जमीन का कार्य कर लिया। मदरसे की जमीन ऐसे नहीं बेची जा सकती क्योंकि मदरसा भी ट्रस्ट से संचालित किया जाता है। अगर ट्रस्ट जमीन का ट्रस्टी द्वारा भी क्रय-विक्रय किया गया है तो बेचने वाले ट्रस्टी पर भी कानूनन कार्यवाही की जा सकती है।

4-आखिर मैं अपने आप को मुफ्ती आजम जबलपुर क्यों ना बुलवाऊं। मुझे तो पूरा शहर अपने आप मुफ्ती जबलपुर के नाम से बुलाता है मेरे गुरु ने खुद मुझे यह नाम दिया था। मौलाना ऐसा कहते हुए वीडियो में नजर आ रहा है।

  • रियल फैक्ट: मौलाना इम्तियाजुल कादरी स्वयं को जबलपुर का मुफ्ती आजम घोषित कर बैठा है और समाज में अपने आप को जबलपुर का मुफ्ती बताता है। ज्ञात हो मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सनद मौलाना इम्तियाजुल को नहीं दी गई है। फिर कैसे मौलाना अपने आप को मुफ्ती बताता है यह समझ से परे।

कलेक्टर व एसपी घर आकर दे मुबारकबाद
ईद के त्योहारों में मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश के घर पहुंच कर कलेक्टर व एसपी त्यौहार की बधाइयां देते हैं और अमन चैन की दुआएं करते हैं। मुफ्ती मध्य प्रदेश का कद इतना बड़ा होता है कि सम्मानजनक तरीके से कलेक्टर, एसपी उनके घर पहुंच कर उन्हें बधाइयां देते हैं। ऐसा ही महिमामंडन मौलाना इम्तियाज उल कादरी अपने लिए चाहता है और प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार इस इच्छा को जाहिर कर चुका है कि ईद के त्यौहार में एसपी व कलेक्टर उसे स्वयं बधाई देने पहुंचे।

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