कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेताओं का जीना हुआ मुहाल, कईयों ने मोबाइल बंद किए तो स्थानीय नेताओं को सौंपी समझाने की जिम्मेदारी
इंदौर। सबसे ज्यादा मुसीबत स्थानीय चुनाव (local elections) में ही आती है। गली-मोहल्ले के इन चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या भी कम नहीं रहती। चूंकि 20 सालों से निगम (Nigam) की सत्ता पर भाजपा का कब्जा है। लिहाजा उसके ही दावेदारों की संख्या अधिक रही। हालांकि कांग्रेस ने भी ऐनवक्त पर तीन और भाजपा ने एक टिकट बदला भी। दिग्गज नेताओं के पसीने छूट गए। कइयों ने तो कल सुबह से नाम वापसी के समय तीन बजे तक के लिए मोबाइल ही बंद कर लिए और स्थानीय नेताओं को समझाने की जिम्मेदारी सौंप दी।
पहले तो महापौर प्रत्याशी के लिए टसल चली और इंदौर-भोपाल से होकर दिल्ली तक भाजपा नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी और ऐनवक्त पर तय प्रत्याशी को भी बदलवाने में सफलता हासिल की और फिर पुष्यमित्र भार्गव को उम्मीदवार घोषित किया गया। कांग्रेस हालांकि सालभर पहले से ही संजय शुक्ला को अपना महापौर उम्मीदवार घोषित कर चुकी थी। सबसे ज्यादा फजीते वार्ड पार्षदों के टिकट वितरण में आए। 85 वार्डों में से अधिकांश में एक-एक दर्जन दावेदार दोनों ही प्रमुख दलों से मैदान में उतर गए। इनमें से कइयों ने अपने नामांकन फार्म भी जमा कर दिए थे और फिर मान-मनोव्वल का सिलसिला शुरू हुआ। कांग्रेस-भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित किए और उन्हें बी फार्म भी अधिकृत चुनाव चिन्ह के लिए आवंटित कर दिया। इसके अलावा बड़ी संख्या में बागी उम्मीदवार खड़े हो गए। कल आखिरी दिन 324 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया और उसके पहले 32 उम्मीदवार भी नाम वापसी के आवेदन लगा चुके थे। इस तरह 356 उम्मीदवार तो हट गए और अब 323 उम्मीदवार पार्षदी के मामले में डटे हैं, लेकिन महापौर के उम्मीदवारों ने नाम वापस नहीं लिया और 19 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसके चलते दो ईवीएम मशीनें लगाना पड़ेगी, क्योंकि एक मशीन में अधिकतम 15 प्रत्याशियों के नाम ही आ सकते हैं, लेकिन 19 प्रत्याशी होने के चलते अब एक अतिरिक्त ईवीएम लगाना पड़ेगी।
शिवराज दे गए निर्देश, रोड शो भी करेंगे
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उज्जैन गए थे और फिर लौटते वक्त करीब आधे घंटे एयरपोर्ट पर रूके और स्थानीय भाजपा नेताओं से चुुनाव को लेकर चर्चा की। भाजपा शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, मधु वर्मा, प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा सहित अन्य ने वार्ड पार्षदों से लेकर महापौर के चुनाव प्रचार की जानकारी दी और मुख्यमंत्री ने भी अगले कुछ दिनों में इंदौर आकर चुनाव प्रचार करने की सहमति दी। लगभग दो दिन मुख्यमंत्री प्रचार करेंगे और एक विशाल रोड शो भी आयोजित होगा। मुख्यमंत्री ने सभी को एकजुट होकर चुनाव प्रचार करने और महापौर के साथ-साथ सभी 85 वार्डों के भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की बात भी कही, वहीं इसके पूर्व इंदौर से उज्जैन जाते वक्त मुख्यमंत्री अपने साथ महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव को भी ले गए और महाकाल मंदिर में भी साथ में पूजा-अर्चना की।
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