इंदौर। शहर के तीन बड़े बाजारों को माल डिस्पैच की अनुमति मिलने के बाद कपड़ा मार्केट (cloth market) और रेडीमेड कपड़ों (readymade market) के व्यापारी खुश हंै। दोनों ही बाजारों में बड़े स्तर पर तीन दिनों में व्यापार हुआ है, लेकिन सराफा में अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है, क्योंकि यहां खेरची व्यापारियों के आने की मनाही है। हालांकि कल 50 व्यापारी भी बाजार में नहीं पहुंचे, जबकि कपड़ा मार्केट और रेडीमेड मार्केट में खासी चहल-पहल रही।
सराफा मार्केट
शनिवार को सराफा बाजार (bullion market) के थोक व्यापारियों को माल डिस्पैच (goods dispatch) करने और साफ-सफाई के लिए खोलने की अनुमति दी गई। पहले दिन बड़ी संख्या में यहां व्यापारी आए, क्योंकि अप्रैल में लॉकडाउन के चलते वे अपना कामकाज वैसे ही छोड़ गए थे। सराफा एसोसिएशन के बसंत सोनी का कहना है कि व्यापारी फिलहाल पुराना काम ही निपटा रहे हैं, जबकि छोटे-मोटे ऑर्डर आ रहे हैं, लेकिन बाजार को अब ग्राहकों का इंतजार है।
कपड़ा मार्केट
सोमवार से कपड़ा मार्केट (cloth market) को माल डिस्पैच करने की छूट मिली है। मार्केट के सचिव कैलाश मूंगड़ ने बताया कि डिस्पैच की अनुमति का फायदा यह हुआ कि व्यापारियों का रुका हुआ माल और कपड़ों की गठानें निकल गईं और जो माल पिछले दो महीने से ट्रांसपोर्ट पर पड़ा था वह दुकानों पर आ गया। शादी की ग्राहकी की अच्छी डिमांड होने से छोटे-छोटे शहरों से माल के ऑर्डर आ रहे हैं। तीन दिनों में अच्छा थोक व्यापार हुआ है।
रेडीमेड मार्केट
रेडीमेड सिलाई वालों को तो लॉकडाउन में कारखाना चलाने की छूट थी, लेकिन माल बाहर नहीं जा रहा था। सोमवार से इन्हें भी अनुमति मिल गई। थोक रेडीमेड मार्केट (readymade market) एसोसिएशन के हेमंत छाबडिय़ा ने बताया कि राजबाड़ा के आसपास करीब 500 व्यापारी हैं, जिनका माल महाराष्ट्र और साउथ के शहरों में जाता है। लॉकडाउन के बाद बड़ी मात्रा में माल भेजा जा रहा है। अब लोकल मार्केट खुलने की आस ेमें प्रोडक्शन भी बढ़ रहा है।