उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सिंहस्थ में बने नए घाटों के लाल पत्थर उखड़ गए..

  • 10 करोड़ रुपए खर्च कर लगाए गए थे यह पत्थर-जिम्मेदारों के ट्रांसफर हो गए

उज्जैन। सिंहस्थ 2016 के दौरान करीब 10 करोड़ की राशि खर्च कर त्रिवेणी घाट से लेकर बड़े पुल तक नदी के दोनों ओर नए घाट बनाए थे और लाल पत्थरों से उन्हें संवारा गया था। उस दौरान रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट पर भी लाल पत्थर लगाए गए थे। आए दिन यह क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 में त्रिवेणी से लेकर कालियादेह महल तक घाटों का विस्तार किया गया था। इसके लिए करोड़ों की राशि मंजूर हुई थी। 2016 से पहले शिप्रा के घाटों की लंबाई साढ़े 4 किलोमीटर के लगभग थी जिसे बढ़ाकर साढ़े 8 किलोमीटर के करीब किया गया था। नए घाटों के निर्माण के साथ-साथ रामघाट, दत्त अखाड़ा समेत प्रमुख घाटों पर राजस्थान से मंगवाए गए लाल पत्थर सौंदर्यीकरण के लिए लगवाए गए थे। इस काम के लिए राज्य शासन ने उज्जैन विकास प्राधिकरण को नोडल निर्माण एजेंसी बनाया था। घाटों के सौंदर्यीकरण पर ही तब शासन ने 10 करोड़ की राशि खर्च की थी।



इधर पिछले तीन साल से शहर में भूमिगत सीवरेज लाईन डालने का काम कर रही टाटा प्रोजेक्ट कंपनी इन दिनों नदी के किनारों पर भूमिगत लाईन बिछा रही है। पिछले दिनों जब यह काम अब दत्त अखाड़ा क्षेत्र में किया था तो टाटा के अनुबंध में स्पष्ट लिखा है कि जितनी जगह लाईन डालने के लिए खोदी जाएगी उसको फिर से नए सिरे से रिपेयर करना पड़ेगा तथा हुबहू मटेरियल का इस्तेमाल करना होगा। इसको नजर अंदाज कर दत्त अखाड़ा घाट पर टाटा फिर से नए लाल पत्थर लगाने की बजाय पुरानी टूटी हुई फर्शियों को ही लगा दिया था। उसके बाद भी क्षेत्र में कई जगह मेंटेनेंस समय पर नहीं होने के कारण घाट पर लगे लाल पत्थर टूटे नजर आ रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा स्नान वाले दिन भी रामघाट क्षेत्र में टूटे पत्थरों के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी आई थी।

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