भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

MP में जल्द सुनाई देगी अफ्रीकी चीतों की दहाड़

  • नंवबर-दिसंबर तक कूनो नेशनल पार्क लाए जाएंगे 10 नर व 10 मादा चीते, सिंधिया ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से चर्चा की

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब चीतों की दहाड़ सुनाई देगी। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में अफ्रीका (Africa) से 20 चीते नंवबर या दिसंबर के पहले सप्ताह में लाए जाएंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
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Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने चीतों को भारत लाने की तैयारी को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय श्रम एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Labor and Environment Minister Bhupendra Yadav) से चर्चा की। यादव ने बताया, केंद्र सरकार की कोशिश है कि दो चरणों में 10 नर और 10 मादा चीते कूनो नेशनल पार्क (Cheetah Kuno National Park) में शिफ्ट करा दिए जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक चीता को फिर से देश में लाने के लिए लंबे समय से प्रोजेक्ट चल रहा है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) को इसकी मंजूरी दी है। प्रयोग के लिए अफ्रीकन चीते (African Cheetah) को भारत के जंगलों में लाया जाए। पिछले कुछ महीनों से प्रोजेक्ट ने फिर रफ्तार पकड़ी है।

5 साल में 75 करोड़ होंगे खर्च
वन विभाग के अनुसार नवंबर-दिसंबर में 20 अफ्रीकी चीते भाजर आएंगे। दक्षिण अफ्रीका से ये चीते ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां से सड़क मार्ग के जरिए इन्हें कूनो राष्ट्रीय पार्क ले जाया जाएगा। वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान चीता बहाली परियोजना पर जागरूकता बढ़ाने के 5 साल में 20 चीतों के रखरखाव पर करीब 75 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पेट्रोलियम कंपनियों की मदद से वन विभाग ने इसे अरेंज किया है।

मार्च 2021 में हुआ था सर्वे
मार्च 2021 में एक्सपर्ट की टीम ने कूनो राष्ट्रीय पार्क का सर्वेक्षण किया था। उन्होंने रिपोर्ट में कहा था कि चीताओं को यहां रखा जा सकता है। कूनो पार्क को इस हिसाब से तैयार किया जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रोजेक्ट पर जनवरी महीने में मीटिंग की थी। कूनो राष्ट्रीय पार्क 750 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसके बीच में सिर्फ एक गांव आता है, इसको भी कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है।

नौरादेही अभयारण को भी माना गया था अनुकूल
कूनो के अलावा 1200 किलोमीटर में फैले नौरादेही अभयारण को भी चीतों के लिए अनुकूल माना गया था, लेकिन कूनो को ज्यादा अनुकूल माना गया। राजस्थान में चीतों के लिए गांधी सागर-चितौडग़ढ़-भैंसरोदगढ़ अभ्यारण का भी सर्वेक्षण किया गया था। कूनो को पहले गिर से शेर लाने के लिए भी चुना गया था।

माधव नेशनल पार्क में टाइगर की पुन: बसाहट
इसके साथ ही शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क में टाइगर की पुन: बसाहट के सिंधिया के प्रस्ताव पर यादव ने इस संबंध में अधिकारी को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए। केंद्र एवं राज्य सरकार का एक दल प्रस्ताव के अध्ययन के लिए माधव नेशनल पार्क का दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। सिंधिया ने इको वाइल्ड लाइफ पर्यटन को मध्य प्रदेश व देश के अन्य क्षेत्रों में विश्व के अन्य क्षेत्रों की तरह कैसे विकसित किया जाए, इस पर भी विस्तार से चर्चा की।

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