- मुख्य चार मुद्दों पर किया सर्वेक्षण, जलूद, एसटीपी, तालाब और कई कालोनियों में पानी की स्थिति देखी
इन्दौर। पेयजल सर्वेक्षण के लिए दिल्ली से आई टीम कल सवा सौ से ज्यादा पानी के सैंपल लेकर लौट गई। मुख्य चार मुद्दे जल की गुणवत्ता, उपलब्धता, आवश्यकता और आपूर्ति पर आधारित सर्वेक्षण किया गया। अब आने वाले फरवरी और मार्च में इसके परिणाम आएंगे।
नगर निगम ने पेयजल सर्वेक्षण के लिए पिछले दो माह पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी और कई स्थान पर पानी सप्लाय के साथ-साथ एसटीपी और तालाबों के आसपास व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर दी थी। दिल्ली से शहरी विकास मंत्रालय की दो सदस्यीय टीम पांच दिन पहले इन्दौर पहुंची थी। हालांकि निगम का सारा अमला प्रवासी सम्मेलन की तैयारियों में जुटा हुआ था, इसके चलते अधिकारियों को इसकी जानकारी काफी बाद में लगी। सूत्रों के मुताबिक दल के सदस्यों ने जलूद जाकर सबसे पहले निरीक्षण किया और वहां स्थिति देखी कि इन्दौर के लिए कुल कितना पानी सप्लाय किया जाता है।
इसके बाद यहां बनाए गए कंट्रोल रूम से भी पता लगाया कि शहर की कितनी टंकियों से कितने क्षेत्रों में रोज पानी बांटा जाता है। दस में से सात एसटीपी से पानी की सैंपल लिए गए और इसके साथ ही प्रमुख सप्लाय स्थानों से भी पानी के सैंपल लिए गए। विकास प्राधिकरण की कई कॉलोनियों के साथ-साथ बीआरटीएस वाले क्षेत्रों से भी पेयजल के सैंपल लिए गए। अफसरों के मुताबिक करीब सवा सौ से ज्यादा पानी के सैंपल सर्वेक्षण टीम अपने साथ ले गई है। सर्वेक्षण के मुख्य बिन्दु थे कि शहर में जो पानी सप्लाय किया जा रहा है, उसकी गुणवत्ता कैसी है और साथ ही कितने पानी की मांग है और कितने पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ऐसे कितने क्षेत्र है, जहां पानी कम मिल रहा है।
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