आचंलिक

कनासिया नाके पर एनएच 52 पर बना मोड़ बना ब्लैक स्पाट

  • रविवार शाम अंधे मोड़ ने लील ली एक और जिंदगी-लगातार हो रहे हादसों से भी नहीं जाग रहे एनएचएआई के जिम्मेदार
  • पांच साल में 32 लोगों ने गवाई जान-58 हुए दुर्घटना का शिकार

मक्सी (विकास गोयल)। मक्सी के कनासिया नाके पर एनएच 52 पर बनी बेतरबीत ढलान पर बने मोड़ पर रविवार शाम एक और जिंदगी काल के ग्रास में समा गई।
मक्सी के पोस्ट ऑफिस में कार्यरत गिरीश भावसार को मोड़ पर अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह पहला मौका नहीं है जब उक्त स्थान पर किसी की जान गई हो। मई 2019 में शुरू हुए मक्सी बायपास पर कनासिया नाके पर निर्माण कंपनी ओरियंटल द्वारा बायपास का निर्माण किया था। उक्त बायपास पर उज्जैन, तराना और मक्सी से शाजापुर जाने वाले वाहनों के लिए फ्लाई ओवर या अंडरब्रिज के स्थान पर सिर्फ कट लगाकर वाहनों के निकलने के लिए रास्ते का निर्माण कर दिया। इसमें निर्माण कंपनी द्वारा सबसे बड़ी भूल यह कर दी गई कि देवास की ओर से आने वाली सड़क पर ढलान दे दी जिससे देवास की ओर से आने वाले वाहन गति पर नियंत्रण खो देते है और उन्हें कनासिया की ओर से आने वाले वाहन दिखाई नहीं पड़ते जिसके कारण आए दिन उक्त स्थान पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिससे उक्त स्थान अब ब्लैक स्पॉट बन गया है। जहाँ कई लोग उक्त स्थान पर काल के ग्रास में समा चुके हैं। पिछले 5 वर्षों की बात करें तो यहां अब तक हुए हादसों में 32 लोग अपनी जान गंवा चुके है और 58 लोग दुर्घटना में गंभीर घायल हो गए हैं, वहीं अंधे मोड़ और चौराहे की वजह से कई वाहन दुर्घटना का शिकार होकर क्षतिग्रस्त हो चुके है। इतने हादसे के बाद भी ना जिला कलेक्टर, ना एनएचएआई विभाग ने इस ओर ध्यान दिया। नतीजा सरकारी मशीनरी की नाकामी की वजह से आए दिन यहाँ लोगों की जान जा रही है।

एनएचएआई के जिम्मेदारों ने की अनसुनी
मक्सी के कनासिया नाके पर स्थित ब्लैक स्पॉट और शाजापुर के टुकराना और सनकोटा में फोरलेन पर निर्माण कंपनी ओरियंटल द्वारा बनाए गए ब्लैक स्पॉट को सुधारने और सड़क दुर्घटना रोकने के लिए तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन और किशोर कुमार कन्याल ने एनएचएआई अधिकारियों को सड़क सुरक्षा की बैठकों में नेशनल हाइवे पर बने ब्लैक स्पॉट पर अंडरब्रिज बनाने के निर्दश दिए थे लेकिन एनएचएआई विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा कलेक्टर के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया गया। नतीजा आए दिन इन ब्लैक स्पॉटों पर लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं।

हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों का दर्द
नेशनल हाईवे क्रमांक 52 पर कनसिया नाका जोड़ पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार निर्माण कंपनी ओरिएंटल द्वारा बनाए गए इस बेतरतीब तिराहे पर हुए सड़क हादसों की जानकारी जुटाई तो पता चला कि पिछले 5 सालों में उक्त स्थान पर 32 से ज्यादा जिंदगियाँ काल के गाल में समा चुकी है जिसमें 2020 में सलसलाई के रामेश्वर और ललित, खुजनेर जिला राजगढ़ के पप्पू नामक युवक, 2021 में 57 वर्षीय मुंबई निवासी समीम बी नामक महिला, 2022 में ग्राम सिरोलिया के कविता और महेश, दिलोद्रि के सोहन और पप्पू, उज्जैन के पंकज और तराना के आनंद, खरेली की दो महिलाएं, 2023 में राजस्थान के चाचा-भतीजे रणजीत और गोरधन, शाजापुर के दीपक, ग्राम कायथा की 20 वर्षीय युवती निकिता, 19 वर्षीय युवक विनीत और 18 वर्षीय महिला पायल की सिस्टम की नाकामी और तेज रफ्तार ने जान ले ली। इसके अलावा भी कई हादसे ऐसे रहे जिनमें थानों में मामले दर्ज ही नहीं हुए। वहीं सैकड़ों ऐसे भी है जो गंभीर घायल होकर आज भी बिस्तर पर पड़े हैं। उक्त स्थान पर दुर्घटना में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजन उक्त दुर्घटनाओं को याद करते हुए सिस्टम को कोसते हुए कहते हैं कि सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों ने अगर अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाई होती तो आज हमारे अपने हमारे साथ होते।

एनएच 52 पर वसूला जाता है प्रदेश का सबसे महंगा टोल
एनएच 52 पर बने देवास से गुना तक बने 255 किमी लंबे फोरलेन पर प्रदेश की अपेक्षा सबसे अधिक टोल वसूला जाता है। मक्सी ने 10 किमी दूर रोकवास टोल प्लाजा और पचोर में बने टोल प्लाजा पर सबसे महंगा टोल वाहन चालकों से वसूला जाता है। बावजूद इसके बात अगर वाहन चालकों की सुविधा और उनकी सुरक्षा की बात की जाए तो एनएचएआई और निर्माण कंपनी ओरियंटल द्वारा किसी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही।

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