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पाकिस्‍तान को आतंकवाद के केंद्र के रूप में देख रही दुनिया, UNSC में बोले विदेश मंत्री जयशंकर

न्‍यूयॉर्क। विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर (Foreign Minister Dr S. Jaishankar) ने ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा (international peace and security) के लिए खतरे: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक रूख: चुनौतियां और आगे का रास्ता’’ पर UNSC ब्रीफिंग की गुरुवार को अध्यक्षता की। भारत (India) दिसंबर 2022 के महीने के लिए UNSC की अध्यक्षता कर रहा है।

इस दौरान 26/11 मुंबई आतंकी हमलों (terrorist attacks) की सर्वाइवर और हमले के वक्त कामा एंड आलब्लेस अस्पताल में बतौर स्टाफ नर्स काम कर रहीं नर्सिंग अधिकारी अंजलि वी. कुलथे ने बताया कि मैं भाग्यशाली हूं कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में बच गई। मैं आतंकी हमलों के पीड़ितों के परिवारों द्वारा सहे गए आघात और दुख की आवाज UNSC के संज्ञान में लाना चाहती हूं। इस पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मैं मुंबई 26/11 आतंकी हमले की सर्वाइवर नर्स अंजलि कुलथे को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमारे साथ अपनी यादें साझा की हैं। उन्होंने कुलथे को 26/11 हमले की बहादुर पीड़िता बताया।

आतंकी कसाब को 26/11 हमलों के बाद जेल में ‘जरा भी अफसोस’ नहीं था: अंजली कुलथे
मुंबई 26/11 हमले में कई लोगों की जान बचाने वाली स्टाफ नर्स अंजली कुलथे ने बताया कि जब वह जेल में बंद पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब (Pakistani terrorist Ajmal Kasab) से मिलीं तो उसे अपनी करनी पर ‘जरा सा भी अफसोस नहीं था’। सुरक्षा परिषद की बैठक को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए कुलथे ने हमले के पीड़ितों के डर को याद किया। मुंबई में पांच महत्वपूर्ण जगहों पर पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने एक साथ बंदूकों और बम से हमला कर दिया था। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।


कुलथे ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों को बताया कि जीवित पकड़े जाने के बाद कसाब जब जेल में बंद था, तब वह उससे मिली थीं और उसे (कसाब) जरा सा भी अफसोस’नहीं था। कुलथे ने कसाब सहित दो आतंकवादियों को अस्पताल के दरवाजे से घुसते और सुरक्षा गार्डों को गोली मारते हुए देखा था। लश्कर के आतंकवादियों ने मुंबई की पांच महत्वपूर्ण जगहों…. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन (Chhatrapati Shivaji Terminus Railway Station), नरीमन हाउस के व्यवसायों और आवासीय परिसर, कामा अस्पताल, लियोपोल्ड कैफे, ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल और ताज होटल एंड टावर को निशाना बनाया था।

जयशंकर ने कहा कि आज की ब्रीफिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (briefing united nations security council) में अपने आतंकवाद विरोधी एजेंडे को फिर से जीवंत करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। आतंकवाद का खतरा वास्तव में और भी गंभीर हो गया है। हमने अल-कायदा, दाएश, बोको हराम और अल शबाब और उनके सहयोगियों का विस्तार देखा है। आतंकवाद शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है, यह सीमा-समझौता या नस्ल नहीं जानता।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद-रोधी संरचना चार बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है, जिसमें आतंकवाद का वित्तपोषण, आतंकवाद-रोधी बहुपक्षीय तंत्रों की अखंडता, जवाबदेही और उनके कार्य करने के तरीके सुनिश्चित करना, आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को संबोधित करना और आतंकवादियों द्वारा नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग शामिल है। हम एक और ‘न्यूयॉर्क का 9/11’ या ‘मुंबई का 26/11’ दोबारा नहीं होने दे सकते।

UNSC में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है, तो हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करना चाहिए और शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को प्रकट करना चाहिए। एक चुनौती यह है कि हम दोहरे मानकों से कैसे निपटें। बहुत लंबे समय के लिए कुछ लोग इस दृष्टिकोण को अपना रहे हैं कि आतंकवाद एक अन्य साधन या युक्ति है।

जयशंकर ने कहा कि हमारी प्रमुख अपेक्षाओं में से एक यह है कि अफगानिस्तान फिर से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के आधार के रूप में काम नहीं करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान इसका सम्मान करेगा।

दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान अच्छी सलाह मानने के लिए तैयार नहीं है। दुनिया आज पाकिस्तान को आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दो साल के कोविड-19 महामारी के दौर के बावजूद वैश्विक समुदाय यह नहीं भूला है कि आतंकवाद की इस बुराई की जड़ कहां है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।

विदेश मंत्री ने कहा कि वे जो कुछ भी कह रहे हों, सच्चाई यह है कि सभी लोग, पूरी दुनिया आज उन्हें आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है। जयशंकर ने कहा कि मुझे पता है कि हम ढाई साल से कोविड से जूझ रहे हैं और इस कारण यादें थोड़ी धुंधली हो गई हैं। लेकिन मैं आपको आश्वासन देता हूं कि दुनिया यह नहीं भूली है कि आतंकवाद शुरू कहां से होता है और क्षेत्र में और क्षेत्र से बाहर तमाम गतिविधियों पर किसकी छाप नजर आती है।

उन्होंने कहा, इसलिए मैं कहूंगा कि किसी भी तरह की कल्पना में जीने से पहले उन्हें खुद को यह बात याद दिलानी चाहिए। जयशंकर पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार के हालिया आरोप पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। खार ने आरोप लगाया था कि आतंकवाद का इस्तेमाल भारत से बेहतर अन्य किसी देश ने नहीं किया है।

भारत ने 2028-29 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए उम्मीदवारी की घोषणा की
भारत ने 2028-29 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता के लिए उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने सुरक्षा परिषद में अगले कार्यकाल 2028-29 के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है और हम इसके लिए तत्पर हैं।

मासिक रूप से बदलने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत को दिसंबर, 2022 के लिए मिली है। भारत के पास 31 दिसंबर तक यह अध्यक्षता रहेगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में दो साल के कार्यकाल में अगस्त 2021 से दूसरी बार भारत को परिषद की मासिक अध्यक्षता मिली है। जयशंकर ने कहा कि मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने 2028-29 के सुरक्षा परिषद के लिए अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी है। परिषद में भारत का 2021-22 का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है।

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