आचंलिक

टीना सहित तीन पंचायत सचिवों को मिली बर्खास्तगी

  • मंत्री सिसोदिया, दिग्गीराजा की विधानसभा में सचिवों पर प्रशासन का चाबुक
  • भ्रष्टाचार, लापरवाही पद का दुरुपयोग के मामलों में कार्यवाही
  • नकी जांचें लंबित उनमें हड़कंप का माहौल

गुना। भ्रष्टाचार लापरवाही पदीय कर्तव्यों का दुरुपयोग मामलों में प्रशासनिक अफसरों के द्वारा कार्यवाही करते हुए यहां पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की विधानसभा बमोरी में एक सचिव की बर्खास्तगी की गई है वहीं दिग्गी के गढ़ राघोगढ़ में दो पंचायत सचिवों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा प्रशासनिक अफसरों ने शिकायत के बाद जांच सिद्ध होने पर तीन सचिवों के खिलाफ बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है जिसके बाद अब जिला पंचायत अधिकारी कर्मचारियों की जांच है शिकायतें लंबित हैं उनमें हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है आने वाले समय में कुछ अन्य पंचायत कर्मियों पर कार्यवाही देखने को मिलेगी। कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा ग्राम रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव ग्राम पंचायत बागेरी जनपद पंचायत बमोरी गणेशराम मीना की संविदा सेवाएं तत्काल समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रकरण अनुसार वास्तवित पात्र हितग्राही प्रेम पुत्र प्रभु सपेरा को लाभ से वंचित कर अन्य हितग्राही को लाभांवित करने, मृतक लालाराम खेरूआ की मृत्यु उपरांत उनके पुत्र हंसराज खेरूआ के स्थान पर अन्य को अनुग्रह सहायता से लाभांवित करने तथा रामप्यारी पिता गोपीलाल का नाम अन्य वर्ग के स्थान पर अन्य को लाभांवित करने संबंधी शिकायतों की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बमोरी द्वारा करायी गयी थी। प्रकरण में ग्राम रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव ग्राम पंचायत बागेरी जनपद पंचायत बमोरी श्री गणेशराम मीना द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों का दुरूपयोग किया जाकर पात्र हितग्राहियों के स्थान पर अन्य अपात्र व्यक्तियों को अनाधिकृत रूप से शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जाना पाया गया।
कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा उक्त प्रकरण में प्रकरण में निर्णय लिया जाकर मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के पत्र द्वारा प्रदत्त अधिकार के तहत श्री गणेश राम मीना, ग्राम रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव ग्राम पंचायत बागेरी, जनपद पंचायत बमोरी, जिला गुना (म.प्र.) की संविदा सेवाऐं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं ।
तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बमोरी को निर्देशित किया गया है कि श्री गणेशराम मीना से उनके द्वारा अपात्र लोगों को अनाधिकृत रूप से प्रदाय किये गये शासकीय धनराशि की प्रतिपूर्ति के लिये म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत विस्तृत प्रकरण तैयार कर विहित प्राधिकारी को प्रस्तुत करना तथा विहित प्राधिकारी द्वारा प्रकरण में दिये गये निष्कर्ष के आधार पर राशि वसूली हेतु अधिनिमय की धारा 92 के तहत विहित प्राधिकारी को प्रकरण प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।


पुराने फोटो अपलोड कर्तव्यों के प्रति लापरवाही
कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा श्रीमति टीना पालीवाल ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत उकावद जनपद पंचायत राघौगढ़ की संविदा सेवाएं तत्काल से समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। श्रीमति टीना पालीवाल पंचायत उकावद जनपद पंचायत राघौगढ़ द्वारा हितग्राही के पुराने आवास पर लाभ दिलाया जाना पाया गया। सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक द्वारा पूर्व से निर्मित कार्य पर आवास का फोटो पुन: अपलोड किया गया। जो आवास निर्माण एवं फोटो अपलोड में ग्राम रोजगार सहायक द्वारा अपने पदीय दायित्वों के कर्तव्यों के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता को दर्शाता है। उक्त प्रकरण में निर्णय लिया जाकर कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा श्रीमति टीना पालीवाल ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत उकावद जनपद पंचायत राघौगढ़ की संविदा सेवाएं तत्काल से समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।


किश्त में पैसों की मांग, लापरवाही, सेवा समाप्त
आवास स्वीकृति के संबंध में हितग्राही से पैसे मांगने एवं पदीय कर्तव्यों में लापरवाही के प्रकरण में कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए. के निर्देशानुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रथम कौशिक (आईएएस) द्वारा सचिव ग्राम पंचायत उकावद सुन्दरलाल प्रजापति की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रकरण अनुसार सचिव ग्राम पंचायत उकावद, जनपद पंचायत राघौगढ सुन्दर प्रजापति के विरूद्ध बद्रीप्रसाद पुत्र रघुराव निवासी ग्राम पंचायत उकावद द्वारा सीएम हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज कराते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत आवास की द्वितीय किश्त जारी करने के संबंध में 5000 हजार रूपये की मांग की गयी थी। इस संबंध में बद्रीप्रसाद का एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उक्त शिकायत की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद राघौगढ द्वारा कराये जाने पर प्रजापति द्वारा 2000 रूपये लिया जाना संबंधित शिकायत सत्य पायी गयी। कर्मचारी का उक्त कृत्य वित्तीय अनियमितता, अमर्यादित आचरण एवं गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी अंतर्गत होकर म.प्र. पंचायत सेवा के अंतर्गत दण्डनीय है।

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