भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में मानूसन की सक्रियता (Monsoon activity) बरकरार है। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश हो रही है। चंद घंटों में धार के बाग में साढ़े आठ इंच बारिश तो मंदसौर के आलोट-बाजना (Alot-Bajna of Mandsaur) में छह इंच तक बारिश हुई है। इसके अलावा कई जगह नदी-नाले उफान पर हैं। घरों में पानी घुसा है। रास्ते बंद हैं। इंदौर में तेज बारिश के चलते मुहाड़ी वाटर फॉल (Muhadi Water Fall) उफान पर है। यहां पिकनिक मनाने पहुंचे एक ग्रुप में शामिल 12वीं के छात्र की डूबने से मौत हो गई। बड़वानी में नर्मदा खतरे के निशान पर बह रही है। श्योपुर में पार्वती नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। रायसेन के बेगमगंज इलाके में बीना नदी उफान पर आ गई है। कोकलपुर गांव में 100 एकड़ से ज्यादा के खेत डूब गए। उज्जैन में शिप्रा नदी (Shipra River) का पानी रामघाट पर पहुंच गया। घाट के कई मंदिर डूब गए। बैतूल जिले में पारसडोह के दो गेट और सारणी स्थित सतपुड़ा बांध का एक गेट खोला गया है।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटों में भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, शहडोल व उज्जैन संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, जबलपुर, चंबल व ग्वालियर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर तथा रीवा-सागर संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा हुई। इस दौरान बाग में 210, आलोट में 150, बाजना में 130, धनौरा, सरदारपुर, रावटी, रामा में 110, डबरा में 100, आष्टा, ताल, पोहरी, पेटलावद, घोड़ाडोंगरी, इंदरगढ़ में 90, बेगमंगज में 80, बरगी, राहतगढ़, सीतामऊ, सांवेर, सैलाना, आगर, उज्जैन, भैरूंदा, तराना, नागदा, गुलाबगंज में 70, थांदला, देपालपुर, पिपलौदा, धुंधड़का, कुक्षी, सौसर में 60 मिलीमीटर पानी गिरा है।
अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, इंदौर, शहडोल, जबलपुर संभागों के जिलों में तथा सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में अधिकांश स्थानों पर, पन्ना, दमोह तथा छतरपुर जिलों में अनेक स्थानों पर, रीवा संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर बौछारें और वज्रपात गिरने की आशंका है। विभाग का ऑरेंज अलर्ट कहता है कि छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल, विदिशा, हरदा, गुना, अशोकनगर, सीहोर, धार, रतलाम जिलों में अतिभारी बारिश होने की संभावना है। वहीं यलो अलर्ट कहता है कि जबलपुर, मंडला, दमोह, नरसिंहपुर, सागर, रायसेन, भोपाल, राजगढ़, खंडवा, नर्मदापुरम, झाबुआ, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, शिवपुरी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अलग-अलग स्थानों पर बने चार वेदर सिस्टम प्रदेश के मौसम पर असर डाल रहे हैं। इनकी वजह से बादल छाए हुए हैं एवं रुक-रुककर वर्षा हो रही है। गुरुवार को भोपाल, नर्मदापुरम एवं जबलपुर संभाग के जिलों में झमाझम वर्षा होने की संभावना है। शेष जिलों में भी छिटपुट वर्षा होती रहेगी। जानकार बता रहे हैं कि मानसून द्रोणिका एक बार फिर मध्य प्रदेश से होकर गुजरने लगी है। वर्तमान में यह बीकानेर, ग्वालियर, सतना, छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर गुजर रही है। उत्तर-पश्चिमी मप्र एवं उससे लगे दक्षिणी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। राजस्थान में एवं जम्मू कश्मीर में ट्रफ के रूप में दो पश्चिमी विक्षोभ बने हुए हैं। इनके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात एक्टिव है।
मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से अब तक 12% बारिश ज्यादा हो चुकी है। पूर्व मध्यप्रदेश में 16% और पश्चिम मध्यप्रदेश में औसत 8% से ज्यादा बारिश हो चुकी है। आने वाले दिनों में सिस्टम ऐसा ही बना रहा तो एवरेज बारिश का आंकड़ा और भी ज्यादा हो जाएगा। अभी प्रदेश के 33 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
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