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TV के सितारों ने बताया कैसे मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्यौहार

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है, हालांकि, अलग-अलग राज्यों में इसके नाम अलग हैं और उसकी रस्में और मनाने का तरीका भी अलग है। देश के विभिन्न हिस्सों से ताल्लुक रखने वाले &TV के उन कलाकारों में शामिल, मौली गांगुली (Mahasati Anusuiya, ‘Bal Shiva‘), तेज सप्रू (प्रजापति दक्ष, ‘बाल शिव‘), अक्षय म्हात्रे (वरुण अग्रवाल, ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘), अंबरीश बॉबी (रमेश प्रसाद मिश्रा, ‘और भई क्या चल रहा है?‘), कामना पाठक (राजेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘) और सोमा राठौड़ (अम्मा जी, ‘भाबीजी घर पर हैं‘) ने अपने-अपने गृहनगर में मकर संक्रांति मनाने के विभिन्न तरीकों और रस्मों के बारे में बात की।



एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया की भूमिका निभा रहीं, मौली गांगुली ने कहा, ‘‘मेरे होमटाउन कोलकाता में मकर संक्रांति को पौष संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इसका नाम बंगाली महीने के नाम पर पड़ा, जिस महीने यह मनाया जाता है। यह त्यौहार तीन दिनों तक चलता है, संक्रांति के एक दिन पहले और उसके एक दिन बाद। समाज के सभी लोग मां लक्ष्मी की पूजा में हिस्सा लेते हैं। इस त्यौहार की मेरी पंसदीदा चीज है चावल के आटे, नारियल, दूध और खजूर गुड़ से बनने वाली तरह-तरह की बंगाली मिठाइयां। खजूर गुड़ का इस्तेमाल मिठाई बनाने में किया जाता है जोकि ताजा फसल और डेट पाम सिरप से बना होता है। इसके बारे में बात करते हुए मेरा मन झूम रहा है। इस साल संक्रांति उत्सव की बड़ी याद आयेगी, लेकिन कुछ पकवान बनाने और कोलकाता को अपने घर लाने की कोशिश जरूर करूंगी।‘‘

हाल ही में एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में प्रजापति दक्ष के रूप में एंट्री करने वाले तेज सप्रू कहते हैं,‘‘पंजाब की जड़ों से गहरा नाता होने की वजह से, मुझे मकर संक्रांति को माघी के रूप में मनाना याद है। मेरे लिये यह काफी धार्मिक और सांस्कृतिक अहमियत रखता है। दिन की शुरूआत सुबह-सुबह नदी में स्नान करने से होती थी और उसके बाद तिल के तेल से दीये जलाते थे, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे खुशियां आती हैं और सारा दुख दूर हो जाता है। इस त्यौहार की सबसे अच्छी बात लगती है भांगड़ा करना! सब साथ मिलकर बैठते थे और खासतौर से इस मौके के लिये तैयार किये गये पकवान खाते थे। उनमें दूध और गन्ने के रस में बनी चावल की खीर, खिचड़ी और साथ ही गुड़ शामिल है।‘‘

अक्षय म्हात्रे (वरुण अग्रवाल, ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘) ने कहा, ‘‘मकर संक्रांति महाराष्ट्र में बहुत आनंद के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार की मेरी सबसे पसंदीदा चीज है चाशनी के साथ शुगर ग्रैन्यूल्स का बना स्वादिष्ट एवं रंगबिरंगा हलवा और तिल एवं गुड़ से बने तिल-गुल के लड्डू। मुंह में पानी लाने वाली पुरनपोली को शुद्ध घी में बनाया जाता है और यह भी इस अवसर पर अवश्य बनने वाला व्यंजन है! मैं सचमुच हर साल इस त्योहार का इंतजार करता हूं ताकि महाराष्ट्र के इन लजीज व्यंजनों को खाने का मौका मिले। तिल-गुल को ‘तिल-गुल घ्या गोड गोड बोला‘ कहकर आपस में शेयर किया जाता है। यह सबके लिए मंगल-कामना मांगने का संकेत होता है। मुझे इस साल मुंबई में मकर संक्रांति मनाने की याद जरूर आएगी पर जयपुर में घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की फैमिली के साथ इसे एक नए तरीके से भी मनाउंगा।‘‘

 

एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ के रमेश मिश्रा ऊर्फ अंबरीश बॉबी कहते हैं, “उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में जाना जाता है, और यह सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। इस त्यौहार के दौरान तिल और गुड़ के लड्डू और दही और चूरा जरूर खाया जाता है। त्यौहार का असली सार उपहार देने में है, जहां लोग अपने प्रियजनों को उपहार देते हैं और गरीबों को काफी सारे कपड़े और भोजन दान करते हैं, इससे यह त्यौहार और भी खास हो जाता है। यूपी में मकर संक्रांति पतंग उड़ाने के बिना अधूरी है। इसकी तैयारी त्यौहार से कुछ दिन पहले ही शुरू होती है। आमतौर पर बाजार विभिन्न रंगों और आकारों की पतंगों से भरे होते हैं। खिचड़ी मकर संक्रांति का सबसे महत्वपूर्ण व्यंजन है और चावल और उड़द की दाल से तैयार किया जाता है। हर साल की तरह, मेरी पत्नी भी अपनी विशेष खिचड़ी और चूड़ा, दही, गुड़ और तिल से मिठाइयाँ बनायेंगी और हम सभी इन व्यंजनों का लुत्फ उठाने और दिन का पूरा आनंद लेने के लिये उत्साहित हैं।“ एण्डटवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ऊर्फ कामना पाठक, बताती हैं कि उनके होमटाऊन इंदौर में मकर संक्रांति किस तरह मनायी जाती है, ‘‘ हमारा पूरा परिवार और रिश्तेदार त्यौहार के विशेष भोजन के लिये इकट्ठा होते हैं,जिसे संक्रांति भोज कहते हैं। हम गरीबों को तिल-गुड़ के लड्डू, फल, सूखी खिचड़ी जैसे छोटे-छोटे उपहार भी देते हैं। त्यौहार का मेरा पसंदीदा हिस्सा पतंगबाजी है। हमलोग आपस में ही एक छोटा-सा काॅम्पीटिशन रखते हैं, जो हम सभी को एक साथ लाता है और बड़ा मजा आता है। आमतौर पर इस दिन आसमान पतंगों से भरा रहता है और आपने लोगों को चीख-चीख कर हंसते हुए सुना होगा। मकर संक्रांति का पूरा उत्सव मुझे बहुत खुशी देता है। मैं सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देती हूं!“
एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं में अम्मा जी की भूमिका निभा रहीं, सोमा राठौड़ ने कहा, ‘‘हम इसे गुजराती में मकर संक्रांत उत्तरायण कहते हैं, और गुजरात में इस त्योहार का सबसे ज्यादा इंतजार किया जाता है। यह त्योहार दो दिनों तक चलता है! अपने प्रतिद्वंदियों की पतंग काटने के लिए, लोग धागे पर एब्रेसिव रखते हैं और हर्षोल्लास के साथ ‘काई पो चे‘ चिल्लाते हैं। यहां का माहौल एकदम अलग होता है और आप चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं। यहां सर्दियों में आने वाली सब्जियों को बेककर बनाया जाने वाला उंधियू, तिल, मूंगफली और गुड़ से बनी चिक्की जैसे तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन खाने को मिलते हैं। इसके अलावा इस खास दिन को मनाने के लिए कई अन्य विशेष व्यंजन भी बनाए जाते हैं।‘‘

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