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इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने पर मिलेगी 1 लाख तक सब्सिडी, नई EV पॉलिसी को मिली मंजूरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने UP EV Policy 2022 को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट बैठक में 2022 इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को अभी मंजूरी दी गई है. राज्य में बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए नई ईवी पॉलिसी पेश किया गया है. इसके तहत नई कार खरीदने पर 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी. राज्य सरकार ने आम लोगों के अलावा ईवी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिये भी भारी सब्सिडी का ऐलान किया है. इससे उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्यफैक्चरिंग और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य में एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली का निर्माण करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी एवं संबंधित उपकरणों के विनिर्माण के लिए प्रदेश को एक वैश्विक केंद्र बनाना भी है. वर्ष 2070 तक भारत को शुद्ध- शून्य उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ पॉलिसी का उद्देश्य राज्य की क्षमता एवं अवसरों का लाभ उठाकर 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा को पूरा करना है.

बयान में कहा गया है कि पॉलिसी का लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करना और 10 लाख से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन करना है. बयान के मुताबिक, इस दिशा में पॉलिसी में त्रिआयामी आकर्षक प्रोत्साहन व्यवस्था प्रदान की गई है. इसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा ईवी, बैटरी और संबंधित कलपुर्जों के विनिर्माताओं तथा चार्जिंग / बैटरी अदला-बदली (स्वैपिंग) सुविधाएं विकसित करने वाले सेवाप्रदाताओं के लिए भी प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है.


बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार में से है. अतः राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के विकास को पॉलिसी के तहत खरीदारों को आकर्षक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश में खरीदे व पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर पॉलिसी की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क में शत-प्रतिशत छूट शामिल है. बयान के मुताबिक, इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी.

पॉलिसी के अंतर्गत पूरे राज्य में चार्जिंग एवं बैटरी अदला-बदली सुविधाओं को विकसित करने वाले सेवाप्रदाताओं को अधिकतम 2,000 ऐसे चार्जिंग स्टेशनों की सीमा के अधीन प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख रुपये तक तथा अधिकतम 1,000 ऐसे अदला-बदली स्टेशनों की सीमा के अधीन अधिकतम पांच लाख रुपये प्रति स्टेशन तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. साथ इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में सरकारी संगठनों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या निजी कंपनियों द्वारा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए अधिकतम पांच ऐसी परियोजनाओं को 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रति परियोजना अधिकतम 10 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.

सरकारी कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा अग्रिम प्रदान करने की भी अनुमति दी जाएगी. इसके अतिरिक्त, पॉलिसी में ईवी बैटरी एवं ईवी विनिर्माण में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करने को प्रावधान किए गए हैं.

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