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Corona की जांच में चीन की दखलंदाजी पर अमेरिका ने कहा-WHO की विश्वसनीयता सर्वोपरि होनी चाहिए

Former State Department Director of Policy Planning Jake Sullivan speaks during a hearing on Iran before the House Foreign Affairs Committee at Capitol Hill in Washington on Wednesday, Oct. 11, 2017. (AP Photo/Jose Luis Magana)

वाशिंगटन । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम की वुहान (Wuhan) में कोरोना के स्त्रोत का पता लगाने की चल रही जांच में चीन (China) की दखलंदाजी पर अमेरिका (America) ने चिंता जताई है। चीन ने अमेरिका (America) के इस वक्तव्य को बहुपक्षीय सहयोग की भावना को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) जेक सुलीवन (National Security Advisor Jake Sullivan) ने कहा कि जिस तरह से जांच को लेकर चीन का रवैया है, उससे चिंतित होना लाजिमी है। वैज्ञानिक जांच में किसी भी प्रकार की दखलंदाजी नहीं की जानी चाहिए। भविष्य में किसी भी इस तरह की महामारी से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि कोरोना महामारी को ठीक से समझा जाए।



जेक सुलीवन ने कहा कि चीन को कोरोना के प्रारंभिक स्तर के संपूर्ण आंकड़ों को जांच टीम को उपलब्ध कराना चाहिए। उल्लेखनीय है कि जो बाइडन प्रशासन ने डब्ल्यूएचओ में दोबारा शामिल होने का फैसला करने के साथ ही अब तक की जांच को नाकाफी बताया था। अमेरिका ने इस पर स्वतंत्र रूप से जांच करने पर बल दिया है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि ऐसी स्थिति में डब्ल्यूएचओ की विश्वसनीयता सर्वोपरि होनी चाहिए। ज्ञात हो कि डब्ल्यूएचओ की टीम वुहान में कोरोना के प्रारंभिक स्त्रोत की जांच कर रही है। चीन इसके संबंध में पूरे और प्रारंभिक आंकड़े देने में आनाकानी कर रहा है। जांच दल पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि कोरोना का वायरस किसी लैब में तैयार नहीं किया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन के बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका बहुपक्षीय सहयोग की भावना को नुकसान पहुंचा रहा है। अमेरिका को चीन और अन्य उन सभी देशों पर अंगुली उठाने का कोई अधिकार नहीं है, जो कोरोना की जांच में सहयोग कर रहे हैं।

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