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US: विवेक रामास्वामी ने बताए चीन को मात देने के 4 तरीके, कहा-भारत के साथ मजबूत रिश्ते जरूरी

वाशिंगटन (Washington)। अमेरिकी (American) राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी (Presidential candidate Vivek Ramaswamy) ने चीन (China) पर निशाना साधा है। उन्होंने चीन से आर्थिक स्वतंत्रता (Economic freedom) की घोषणा का आह्वान किया है। उन्होंने भारत (India) सहित अन्य देशों के साथ विस्तारित संबंधों को बेहतर बनाने का प्रस्ताव रखा है। रामास्वामी गुरुवार को गृह राज्य ओहियो पहुंचे थे। यहां उन्होंने विदेश नीतियों (Foreign policies) पर बात की।

इन चार तरीकों से चीन को देंगे मात
विवेक रामास्वामी ने कहा कि हमारे पास स्पष्ट दृष्टिकोण है। हम चीन के साथ आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा करेंगे और अमेरिकी समृद्धि को बढ़ाने पर ध्यान देंगे। मैं यहां आप लोगों से झूठ नहीं कहूंगा कि हम सब चीजें तुरंत हासिल कर लेंगे। हम चीन से अलग होने के बारे में गंभीर हैं। लेकिन इसके लिए हमें भारत के साथ रिश्ता मजबूत करना होगा। रामास्वामी ने कहा कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो चीनी स्वतंत्रता के चार मुख्य तत्व होंगे। पहला जलवायु परिवर्तन एजेंडे से आजादी, जो सिर्फ तमाशा और धोखा है। दूसरा सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन बढ़ाकर। तीसरा, सैन्य खर्चें बढ़ाकर और चौथा चीनी दवा आपूर्ति खत्म करके हम चीन से आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकते हैं।


रामास्वामी की बढ़ रही है लोकप्रियता
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राथमिक बहस के दौरान रामास्वामी के प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद विभिन्न जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। नवीनतम जनमत सर्वेक्षण से पता चलता है कि वह अगस्त के प्रदर्शन से 12 अंक ऊपर हैं। साथ ही उनके विरोधियों द्वारा उनकी आलोचना भी तेजी से बढ़ती चली जा रही है।

आलोचनाओं के खिलाफ बोले रामास्वामी
हाल ही में रामास्वामी ने एक स्थानीय मीडिया से कहा था कि जब से मैंने दूसरी बहस में अच्छा प्रदर्शन किया है, तबसे ही कड़ी आलोचना की जा रही है। यह सब प्रक्रिया का हिस्सा है, इसलिए खुली बहस के लिए आमंत्रित करता हूं। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि कई लोग मेरे आगे बढ़ने से नाराज हैं और मानते हैं कि 38 साल का व्यक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए बहुत छोटा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तथ्य यह है कि थॉमस जेफरसन 33 वर्ष के थे, जब उन्होंने अमेरिका का संविधान लिखा था। उन्होंने कहा कि इसी भावना को आज फिर से जगाने की जरूरत है।

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