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टीकाकरण अभियान ने भारत को बचाया, दूसरे देशों में तीसरी लहर ने भी बरपाया कहर

नई दिल्ली: इस महीने के अंत तक भारत में कोविड-19 टीकाकरण का आंकड़ा 200 करोड़ डोज को छूने की संभावना है. इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बातचीत में अपने विचार पेश किए. बातचीत में उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान ही था जिसने भारत को बचाया है और हम करीब 90 फीसदी मौतों को रोक सके. कोविड की वजह से भारत में करीब 5.25 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई. भारत में मृत्युदर 1.2 फीसद थी जो अन्य कई विकसित देशों की तुलना में बहुत कम थी. आज की तारीख तक भारत में वैक्सीन के करीब 198 करोड़ डोज लग चुके हैं.

मंडाविया ने बताया, “हम 90 फीसद मौतों को रोक सके इससे बड़ी हमारे लिए कोई उपलब्धि नहीं हो सकती है. यह सब कुछ टीकाकरण अभियान की वजह से संभव हो सका. नहीं तो दूसरे देशों में तीसरी लहर में भी लोगों ने अपनी जान गंवाई है. अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में इस साल की शुरुआत में तीसरी लहर की वजह से मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी, हालांकि भारत में इसका कोई खास असर नहीं दिखा.”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जून में लेन्सेट इन्फेक्शन डिजीज जरनल में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि तीसरी लहर में हमारे यहां मौत कम इसलिए हुई क्योंकि उस वक्त तक देश की 75 फीसदी आबादी को टीका लग चुका था. हाल में हुआ एक अध्ययन बताता है कि उच्च स्तर पर हुए टीकाकरण की बदौलत भारत में करीब 40 लाख मौतों को होने से रोका जा सका.

उन्नति के सोपान
जब मंडाविया ने ठीक एक साल पहले स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार संभाला तब तक भारत में करीब 35 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी थी. तब से अब तक इस अभियान की गति धीमी नहीं पड़ी बल्कि इसमें तेजी दिखी और आज की तारीख तक करीब 198 करोड़ डोज लग चुके हैं. इसमें करीब 92 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं जबकि 4.72 करोड़ को एहतियाती डोज दी गयी है. मंडाविया ने बताया कि 200 करोड़ डोज के इस सफर में कई बार ऐसा हुआ जब हमने एक ही दिन में एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज लगाए थे.


पूरी स्थिति पर रखी गई बारीकी से नजर
जब तीसरी लहर ने भारत में दस्तक दी तो मंडाविया की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, स्वास्थ्य सचिव, औषधि और बायोटेक्नोलॉजी विभाग, इम्यूनाइजेशन पर बने राष्ट्रीय तकनीकी सलाह समूह के अध्यक्ष और दूसरे अहम विशेषज्ञों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की रोजाना सुबह बैठक होती थी और पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी गई. बैठक में शामिल सभी लोगों को अंतरराष्ट्रीय विकास, वैक्सीन से जुड़े अपडेट, दवाओं की स्थिति का अध्ययन करने का कार्यभार सौंपा गया ताकि किसी तरह का कोई संकट खड़ा ना हो और जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहेनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि, कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट का नया उपवेरिएंट BA.2.75 भारत में मिल चुका है. इस पर मंडाविया का कहना है कि भारत में हमारा निगरानी तंत्र बहुत मजबूत है और हम जिला स्तर पर जीनोम सीक्वेंसिंग कर रहे हैं जिससे हमें फैल रही स्ट्रेन के बारे में ताजा जानकारी मिल सकेगी.

नए उपवेरिएंट से घबराने की ज़रूरत नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ओमिक्रॉन के मुख्य वेरिएंट के बाद उसका उपवेरिएंट इतना घातक नहीं है और उससे ज्यादातर हल्का बुखार होता है. यह बिल्कुल हल्के इन्फ्लूएंजा की तरह है जो मौसम बदलने पर हो जाता है.

सूत्रों का कहना है कि भारत में कोविड-19 अब लगभग अंत की ओर है. सूत्रों ने बताया कि दूसरे डोज और बूस्टर डोज के बीच में अंतराल को 9 महीने से घटाकर 6 महीने करने का फैसला NTAGI और वैज्ञानिकों की सलाह पर लिया गया है.

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