इंदौर न्यूज़ (Indore News)

शातिर मद्दा ने छकाया पुलिस को, पूछताछ में गोलमोल जवाब

  • खातों में आई करोड़ों की राशि कॉलोनी डेवलपमेंट के नाम पर लेना बताई, भोपाल-इंदौर के मंत्री-नेताओं के नाम भी लिए खुद को बचाने की जुगाड़ में

इंदौर (Indore)। गृह निर्माण संस्थाओं (home building agencies) की जमीनों का सबसे बड़ा लूटेरा और जालसाज दीपक जैन उर्फ मद्दा (Deepak Jain aka Madda) इतना शातिर है कि अब पुलिस को भी छका रहा है। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में किए फर्जीवाड़े केे चलते क्राइम ब्रांच ने दीपक मद्दे सहित 11 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मद्दे को हिरासत में लेकर कोर्ट से मिले तीन दिन के रिमांड के चलते पूछताछ भी की। मगर बदले में हर सवाल के गोलमोल जवाब ही मद्दा देता रहा, तो दूसरी तरफ भोपाल, इंदौर के मंत्री-नेताओं के नाम भी खुद को बचाने के लिए ले रहा है। लगभग 5 करोड़ रुपए की संस्था के खाते में जमा हुई राशि अपने निजी खातों में कैसे जमा हुई इसके जवाब में मद्दा बोलता है कि ये राशि कॉलोनी डवलपमेंट के एवज में ली गई और उसका एग्रीमेंट भी मेरे पास है।

इंदौर के तमाम भूमाफियाओं में सबसे अधिक शातिर मद्दा ही है, जिसने एक दर्जन से अधिक गृह निर्माण संस्थाओं की हजारों करोड़ की जमीनों पर सीधी-सीधी डकैती डाली और अपनी निजी समता कंस्ट्रक्शन जैसी फर्मों में जहां इन जमीनों की रजिस्ट्रियां करवाई, वहीं शहर के अन्य रसूखदारों को बेच भी डाली और करोड़ों रुपए उनसे भी ले लिए। इतना ही नहीं, कई संस्थाओं के खातों में जमा हुई राशि भी अपने निजी खातों में ट्रांसफर करवा ली, जिसका सबसे बड़ा सबूत अभी कल्पतरु गृह निर्माण संस्था की एफआईआर से ही मिला, जिसमें लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि मद्दे ने अपने खातों में जमा कराई और पुलिस के लिए ये सबसे बड़ा सबूत भी है।


क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज करने के साथ ही पूछताछ के लिए बुलाए मद्दे को गिरफ्तार कर लिया था और फिर कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड अवधि पर लिया। आज यह अवधि समाप्त होगी। मद्दे को फिर कोर्ट में पेश करेंगे, जहां से तय होगा कि उसकी रिमांड अवधि बढ़ेगी या न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा। इधर क्राइम ब्रांच के जिम्मेदारों से जब अग्निबाण ने पूछा कि तीन दिन की पूछताछ में मद्दे ने क्या उगला? जवाब में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि वह इतना शातिर है, किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं देता, बल्कि गोलमोल जवाब देकर गुमराह करने का प्रयास करता है। अपने खातों में जो राशि जमा हुई उस संबंध में भी उसका कहना है कि एग्रीमेंट किया हुआ है, जो वह पेश करेगा और कॉलोनी डवलपमेंट के लिए यह राशि ली गई। हालांकि क्राइम ब्रांच का मानना है कि इस तरह की मद्दा झूठी कहानियां बना रहा है, जिसमें वह माहिर भी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि उसने मदद करने वाले दो मंत्रियों के नाम भी लिए हैं और इंदौर के एक विधायक सहित अन्य नेताओं और कुछ रियल इस्टेट के बड़े कारोबारियों के नाम भी वह लेता है, ताकि खुद को बचाया जा सके।

जेल में भी तगड़ी सेटिंग से 27 दिन गुजार लिए थे आराम से
रासुका निरस्ती के फर्जी आदेश के जरिए जहां जमानत ली, वहीं 27 दिन की जेल में गुजारे और सूत्रों के मुताबिक जेल में भी तगड़ी सेटिंग के चलते जहां सुविधाएं हासिल की, वहीं संरक्षण भी प्राप्त कर लिया। इसके बदले लाखों रुपए का रशि बांटी गई, क्योंकि जेल में मद्दे जैसे अपराधियों को सारी सुख-सुविधाएं मिल भी जाती है। अभी उज्जैन की भैरवगढ़ जेल में जो फर्जीवाड़ा हुआ उसने ही जेलों में होने वाले खेलों की पोलपट्टी उजागर कर दी। मद्दे ने भी जेल की रोटी खाने की बजाय ब्रेड, बिस्किट और खिचड़ी ही खाई और उसके लिए कई बार चाय की व्यवस्था भी करवाई गई।

एक ही संस्था के करोड़ों डकारे, अन्य की जांच तो अभी बाकी
दीपक मद्दा ने कल्पतरु संस्था के खाते में जमा हुए करोड़ों अपने खाते में जमा करवा लिए, जिसके पुख्ता सबूत पुलिस प्रशासन को मिले और उसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। यह तो एक संस्था की ही जानकारी उजागर हुई, जबकि मद्दे ने एक दर्जन से अधिक संस्थाओं में इसी तरह का फर्जीवाड़ा किया है। उन सभी के खातों की जांच हो तो करोड़ों का घोटाला सामने आएगा।

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