लखनऊ । गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) के जीवन पर लिखी गई किताब मैं कानपुर वाला और उस पर बनी बायोपिक हनक दोनों पर बाजार में आने से पहले ही ग्रहण लग गया है। विकास की पत्नी रिचा दुबे ने किताब के लेखक मृदुल कपिल और बायोपिक बना रहे निर्माता मोहन नदार व निर्देशक मनीष वात्सल्य समेत दर्जनभर लोगों को कानूनी नोटिस भेजकर इसके प्रकाशन व प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने की चेतावनी दी है।
ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही है। रिचा के अधिवक्ता और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ऋषभ राज ने लेखक और निर्माता-निर्देशक के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय ट्रिब्युनल के रजिस्ट्रार प्रसून जोशी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टीफिकेशन के चेयरपर्सन और इंडिया मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन को भी नोटिस भेजकर प्रकाशन व प्रसारण की अनुमति न देने की मांग की है।
नोटिस में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्ति को मिली जीवन जीने की स्वतंत्रता के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा गया है कि बिना विकास दुबे या उनकी पत्नी की सहमति के किताब का प्रकाशन या फिल्म का प्रसारण गैर कानूनी है। किताब व बायोपिक में विकास से संबंधित झूठे व मनगढ़ंत तथ्यों को पेश कर रिचा व उसके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। रिचा पर 50 लाख रुपए में प्रकाशन व प्रसारण के अधिकार बेचने की अफवाह भी उड़ाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि फिल्म में विकास दुबे का किरदार निभा रहे मनीष गोयल, रिचा दुबे का किरदार निभा रही अनुराधा मुखर्जी, फिल्म के लेखक सुबोध पांडे के अलावा फिल्म से संबंधित दर्जन भर लोगों को नोटिस भेजा गया है।
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