खंडवा। मप्र (MP) का खंडवा(Khandwa) शहर इन दिनों भारी जल संकट (water crisis) के परेशान है. शहर में जलसंकट अब विकराल रूप ले चुका है. इस बीच खंडवा नगर निगम आयुक्त (Khandwa Municipal Corporation Commissioner) ने लोगों से भगवान ( निमाड़ के संत दादाजी धूनीवाले) के नाम पर पानी दान करने की अपील (water donation appeal) की है. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि जिनके पास निजी कुआ, बावड़ी , नलकूप आदि है तो वह अपने आसपास के लोगों को फ्री में पानी दान करें.
पत्र में कहा कि गया कि खंडवा के लोग भगवान के नाम पर पहले भी कई तरह के भंडारे करते आए हैं और मुक्त हस्त से सेवा करते हैं. इसलिए पानी दान कर के एक नया संदेश प्रसारित करें. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तब नगर निगम उनके जल स्रोतों को अधिग्रहित (can acquire water sources) कर सकता है.
खास बात यह है कि 200 करोड़ रुपए के नर्मदा जल योजना होने के बावजूद नगर निगम पानी की समस्या हल करने में भगवान का सहारा ले रहा है इस पर लोग चुटकियां ले रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब पानी की व्यवस्था आम लोगों को खुद करनी है तो फिर नगर निगम का शहर में क्या काम ?
एक महीने से पानी की समस्या
खंडवा में पिछले लगभग एक से पीने के पानी की विकराल समस्या है. आए दिन लोग प्रदर्शन कर रहे है. नगर निगम के जल स्रोत सूख गए है क्योंकि उनमें पानी ही नहीं बचा है, इसीलिए निगम ने आम लोगों से यह ऐलान किया है. नगर निगम ने आम लोगों से पानी की उपलब्धता कराने के लिए सहयोग भी मांगा है और धमकी भी दी गई है. यदि वह पानी दान नहीं करेंगे तो उनके जलस्रोत को अधिग्रहित कर लिया जाएगा.
200 करोड़ योजना के बाद भी प्यासे हैं खंडवा के लोग
खंडवा शहर में पानी सप्लाई करने के लिए करीब दो सौ करोड़ खर्च कर नर्मदा जल योजना बनाई थी. शुरुआत से ही इस योजना की पाइप लाइन बार-बार फूट रही है. इस योजना में भी भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इस पर खंडवा के लोग पानी की समस्या को भगवान के भरोसे छोड़े जाने की चुटकियां ले रहे हैं और ताने मार रहे है कि हैं कि यदि व्यवस्था नहीं संभल रही है तो नगर निगम को भी भगवान के भरोसे छोड़ दिया जाना चाहिए.
नगर निगम नहीं कर पा रहा पानी की सप्लाई
वहीं वार्ड पार्षद सोमनाथ काले का कहना हैं कि तकनीकी खराबी के कारण नगर निगम पानी सप्लाई नहीं कर पा रहा है. वार्ड में न तो नर्मदा जल योजना का पानी आ रहा है और न ही सुक्ता बांध से. वार्ड में पानी के एक ही टैंकर से वितरण किया जा रहा है जो पर्याप्त नहीं है जिससे लोग नाराज है.