काठमांडू (kathmandu)। नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Prime Minister Pushpa Kamal Dahal Prachanda in Nepal) को गणतंत्र के पलटने का खतरा नजर आ रहा है। नए साल में काठमांडू (kathmandu) में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि गणतंत्र (Republic) को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने तर्क दिया कि संविधान सभा द्वारा की गई गणतंत्र घोषणा को स्वीकार कर लिया गया था लेकिन अब इसे पलटने का प्रयास किया जा रहा है। प्रचंड ने कहा कि संविधान सभा द्वारा की गई घोषणा को स्वीकार किया गया था, लेकिन अब इसे पलटने का बहुत प्रयास हो रहा है।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा है कि उन्होंने वर्ष 2008 में नेपाल में घोषित गणतंत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। हालांकि उनका कहना है कि गणतंत्र के पलटने का खतरा समय-समय पर आ रहा है।
शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि विषम स्थिति को रोकने के लिए गणतंत्र के अलावा अन्य बदलाव जिम्मेदारी की भावना से किए जाने चाहिए।
गुरुवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं देते हुए राजनीतिक दलों के नेताओं पर राजशाही कायम रखने के समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया। अगले ही दिन, प्रचंड ने राजतंत्र का उल्लेख किए बिना गणतंत्र को समाप्त करने के प्रयासों के बारे में बताया। हाल ही में नेपाल में राजशाही के समर्थकों की गतिविधियां तेज हो गई हैं।
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