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WHO का अलर्ट, अमेरिका और यूरोप में फिर पैर जमा रहा कोरोना

जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पिछले सप्ताह दुनियाभर में कोरोना संक्रमण (Corona infection worldwide) के मामलों में 10 फीसद की वृद्धि हुई है। अमेरिका और यूरोप (America and Europe) में संक्रमण बढ़ने से यह स्थिति पैदा हुई है। डब्ल्यूएचओ ने प्रकाशित साप्ताहिक अपडेट में कहा है कि ‘दुनियाभर में नए कोरोना मामलों की संख्या जनवरी की शुरुआत में प्रति सप्ताह लगभग पचास लाख थी, लेकिन फरवरी के मध्य में इसकी रफ्तार घटकर 25 लाख हो गई थी।’

विश्व स्वास्थ्य एजेंसी (World Health Agency) ने कहा कि यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब दुनियाभर में कोरोना मरीजों (Corona patients) की संख्या बढ़ी है। मरीजों की तादाद बढ़ने में अस्सी फीसद भूमिका अमेरिका और यूरोप में मिल नए मरीजों की है। यूरोप में पॉजिटिव मामलों की संख्या में छह फीसद की वृद्धि हुई जबकि मृत्युदर लगातार घट रही है। सबसे अधिक नए मामले फ्रांस, इटली और पोलैंड में दर्ज किए गए हैं। जिन एक दर्जन देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं, उनमें से अधिकांश यूरोप के हैं।



बता दें कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (AstraZeneca vaccine) लगने के बाद रक्त का थक्का जमने की समस्या के चलते यहां के अधिकांश देशों ने इसके उपयोग पर रोक लगा दी है। वहीं, इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के एक शीर्ष विशेषज्ञ का कहना है टीका लगने के बाद रक्त के थक्के जमने जैसे मामले बहुत कम होते हैं। संगठन के टीकाकरण और टीका विभाग के प्रमुख डॉ. केट ओ ब्रायन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ और यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी रक्त के थक्कों और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के बीच संबंधों की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं। टीके की प्रमाणिकता पर डब्ल्यूएचओ की एक समिति गौर कर रही है।

उधर, कोरोना की तीसरी लहर से घबराए यूरोपीय यूनियन ने कहा कि वह ब्रिटेन को निर्यात किए जाने वाले कोरोना वैक्सीन को रोक सकता है। बता दें कि अब तक यूरोप में साढ़े पांच लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है जबकि यूरोपीय यूनियन के 10 फीसद लोगों का अभी तक टीकाकरण किया जा चुका है।

 

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