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‘राजस्थान में मुस्लिमों का अपना नेता क्यों नहीं हो सकता?’, गहलोत के गढ़ में गरजे ओवैसी

जोधपुर: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों की गहमा-गहमी तेज हो गई है. इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी पूरी ताकत के साथ राजस्थान के रण में उतरने का विचार कर रही है. इसके लिए ओवैसी अपनी राजनीतिक जमीन को तैयार करने में जुट गए हैं. राजस्थान के मुसलमानों से ओवैसी ने अपना नेता तैयार करने की अपील की. उन्होंने कहा, “जब हर वर्ग का नेता हो सकता है, तो राजस्थान में मुस्लिमों का अपना नेता क्यों नहीं हो सकता?”

ओवैसी ने कहा, “मुसलमान हों, दलित हों या आदिवासी, इनका कोई नेता नहीं है. लेकिन जब चुनाव होता है तो सबसे ज्यादा वोट भी यही डालते हैं.” उन्होंने कहा, “जब तक कमजोरों को हक नहीं मिलेगा, तब तक सत्ता में कोई नहीं बैठेगा.” बीजेपी और कांग्रेस पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा, “भारत को आजाद होकर 75 साल हो गए. बाबा साहब आंबेडकर ने भारत का संविधान बनाया, आज उन्हीं के समाज के लोगों को मटका छूने पर मार दिया जाता है.”


बीजेपी-कांग्रेस पर ओवैसी का हमला
AIMIM चीफ ने आगे कहा, “आज जीतेन्द्र मेघवाल जिन्दा होता तो कहता हम पढ़ लिख तो लिए, रिजर्वेशन तो लिया, लेकिन हमारा कोई नेता नहीं था जो हमारे लिए खड़ा होता. ये हम आजादी का कैसा अमृत महोत्सव मना रहे हैं. जब तक कमजोर नहीं मिलेंगे, तब तक जालिम सत्ता में आएंगे.” उन्होंने मुस्लिम समाज से पूछा कि जब हर वर्ग का नेता हो सकता है, तो राजस्थान में मुस्लिमों का अपना नेता क्यों नहीं हो सकता?

मुसलमानों को दी यह सलाह
ओवैसी ने जोधपुर में कहा, “मुसलमान केवल वोट देते हैं और कई अन्य समुदायों जैसे जाट, राजपूत, गुर्जर आदि की तरह वोट नहीं लेते हैं. इन समुदायों ने न केवल वोट दिए हैं बल्कि वोट लिए भी हैं और मुसलमानों के विपरीत अपनी कई समस्याओं को हल किया है.” उन्होंने राजस्थान के मुसलमानों को इन समुदायों से सीखने और अपना नेतृत्व बनाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, “लोकतंत्र केवल अपना वोट डालने के बारे में नहीं है. आपको इसमें भाग लेने की भी आवश्यकता है. तभी आप अपने लिए कुछ कर पाएंगे.”

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