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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इजराइल के PM से क्यों कहा- गाजा पर कब्जा बड़ी गलती…

नई दिल्ली: हमास (Hamas) के साथ युद्ध में इजराइल (israel) का पूरा साथ दे रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) अब पीछे हटते नजर आ रहे हैं, खास तौर से गाजा पर कब्जे को लेकर अमेरिका का इजराइल का मत बिल्कुल जुदा है. गुरुवार को एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli PM Benjamin Netanyahu) को स्प्ष्ट कर दिया है कि गाजा पर कब्जा करना एक बड़ी गलती होगी, दो राज्य समाधान ही इजराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है.

सेन फ्रांसिस्को में मीडिया से बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात का खुलासा किया- ‘उन्होंने कहा कि मैंने इजराइलियों को स्प्ष्ट कर दिया है कि गाजा पर कब्जा करना एक बड़ी गलती होगी, यह सोचना भी उनके लिए गलत होगा कि वे वहां कब्जा कर लेंगे और उस पर कब्जा बनाए रखेंगे. इससे पहले इसी माह की शुरुआत में नेतन्याहू ने कहा था कि युद्ध के बाद गाजा का पुर्ननिर्माण करना होगा. इसके लिए इजराइल को इस क्षेत्र में शासन करने के लिए एक नई सरकार ढूंढनी होगी. अब इस क्षेत्र पर हमास का शासन था.

बेशक इजराइल के पीएम ने गाजा के पुर्ननिर्माण की बात कही हो, लेकिन वे ये भी कहते हैं कि उनकी गाजा पर कब्जा करने की कोई योजना नहीं है, हालांकि विशेषज्ञ ये मानते हैं कि इजराइल का गाजा पर पहले से ही कब्जा है, बेशक 2005 में इजराइल ने औपचारिक रूप से अपनी सेना और बसने वालों को वापस लेने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन उसकी सीमाओं, हवाई क्षेत्र और क्षेत्रीय जल पर इजराइल का ही पूर्ण नियंत्रण है.


बाइडेन ने बातचीत में ये भी दावा किया कि जब इजराइली सेना ने गाजा के अल शिफा अस्पताल पर छापेमारी जारी रखी तो बाइडेन ने नेतन्याहू से बातचीत कर अस्पताल में अपने कार्यों में सावधान रहने की जरूरत पर चर्चा की थी. इजराइल का तर्क है कि अस्पताल के बेसमेंट में हमास ने अपना सैन्य अड्डा बना रखा है. हालांकि हमास ने इस दावे को पूरी तरह गलत बताया है.

जो बाइडेन ने गाजा पर कब्जे के बारे में ये बयान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ चार घंटे तक चली शिखर बैठक के बाद दिया. मीडिया से बातचीत में बाइडेन ने यह भी कहा कि इजराइल ओर हमास के बीच चल रहे इस युद्धपात को रोकने का एक मात्र तरीका दो राज्य समाधान है, जिसमें इजराइल और फिलिस्तीन दोनों खुश रहें. उन्होंने अल शिफा पर सावधानी बरतते हुए इजराइली दावों को दोहराया, जिसमें ये कहा गया था कि हमास एक अस्पताल के नीचे मुख्यालय बनाकर अपराध कर रहा है. बाइडेन ने यह भी कहा कि इजराइल सीमित संख्या में बंदूकों वाले सैनिकों के साथ अल शिफा गया था.

इजराइल की सेना द्वारा गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा पर पर किए गए हमले की चौतरफा निंदा हो रही है, इनमें संयुक्त राष्ट्र, जॉर्डन और फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने निंदा की है जो वेस्ट बैंक को नियंत्रित करता है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत यदि अस्पतालों का प्रयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है तो वे अपनी संरक्षा खो देते हैं, लेकिन उससे पहले भी लोगों को वहां से हटने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए. हालांकि इजराइल ने इसके पीछे तर्क ये दिया है कि वह केवल हमास के लड़ाकों और उनके द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की तलाश कर रहा था.

इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू देश के नागरिकों का दबाव झेल रहे हैं, हमास के हमले के बाद इनमें और बढ़ोतरी हुई है. लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा तो बंधकों की अब तक रिहाई न होने को लेकर है. कई जगह तो प्रदर्शनकारी इसकी मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं. हालांकि बाइडेन ने कहा है कि बंधकों को मुक्त करने के लिए कोई समझौता जरूर होगा. जब उनसे ये पूछा गया कि ऐसा कब होगा तो बाइडेन ने जवाब दिया कि मैं चार घंटों से यहां बैठा हूं, मुझे नहीं पता इस बीच क्या हुआ, लेकिन इतना पता है कि कतर इस मामले में बहुत सहयोग कर रहा है. बता दें कि कतर में ही हमास एक राजनीतिक कार्यालय संचालित करता है.

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