इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर को बनाएंगे टैंकर फ्री सिटी, तालाबों के साथ नए जल स्त्रोतों की भी तलाश

शहर में कितने बोरिंग, इसका भी नए सिरे से सर्वे करवाएगा निगम, जल कर निराकरण के झोनवार लगेंगे शिविर

इंदौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) ने आज से झोनल कार्यालयों पर मीटिंग  शुरू की। आज सुबह वे किला मैदान झोन पहुंचे। वहीं कल शहर की पेयजल और उससे जुड़ी योजनाओं की जानकारी ली गई। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के साथ इस समीक्षा बैठक में महापौर ने कहा कि इस तरह की प्लानिंग की जाए कि गर्मियों के दिनों में इंदौर में कोई टैंकर ना चलाना पड़े। इंदौर को टैंकर फ्री सिटी बनाया जाए और इसके लिए विभिन्न जल स्त्रोतों का समुचित उपयोग तो किया ही जाए, वहीं शहर के आसपास 30 से 40 किलोमीटर के अंदर कई तालाब और अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग इंदौर शहर के लिए कैसे कर सकते हैं इसकी भी योजना बनाएं। सभी बोरिंगों का नए सिरे से निगम सर्वे भी करेगा। साथ ही झोनल और निगम मुख्यालय पर जल कर निवारण शिविर भी लगेंगे, ताकि लोगों की पेयजल से जुड़ी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। इन शिविरों में क्षेत्रीय पार्षदों की भी पूरी हिस्सेदारी रहेगी और उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।


महापौर अभी नगर निगम से जुड़ी योजनाओं के साथ-साथ झोनवार व्यवस्थाएं भी देख-समझ रहे हैं। कल उन्होंने निगमायुक्त के साथ जलप्रदाय के संबंध में समीक्षा बैठक ली, जिसमें अपर आयुक्त भव्या मित्तल, नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव, जलप्रदाय से जुड़े सभी सहायक यंत्री, उपयंत्री और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। अपर आयुक्त श्रीमती मित्तल व श्री श्रीवास्तव ने महापौर को जलूद से नर्मदा का जल किस तरह पम्पिंग कर इंदौर शहर तक लाया जाता है और फिर विभिन्न पेयजल टंकियों के माध्यम से उसका वितरण होता है इस बारे में प्रजेंटेशन के जरिए विस्तार से जानकारी दी गई। निगम अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में कितनी पानी की टंकियों से जल प्रदाय किया जा रहा है और लाइनों में कितने जल मीटर लगे हैं। कितनी टंकी निर्माणाधीन है और किन-किन क्षेत्रों में जल वितरण लाइनों को बिछाने का काम चल रहा है। महापौर ने जल वितरण के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि वर्तमान में कितने बोरिंग हैं और किन स्थानों पर बोरिंगों की जरूरत होगी इस संबंध में जानकारी एकत्रित करें, ताकि भविष्य में किसी स्थान पर बोरिंग की मांग आने पर क्षेत्र की आवश्यक जानकारी पहले से ही निगम के पास रहे। साथ ही शहर में जल प्रदाय की ऐसी प्लानिंग की जाए कि गर्मियों के दिनों में जो बड़ी संख्या में निगम के साथ-साथ किराए के टैंकर चलाना पड़ते हैं उनकी आवश्यकता नहीं रहे और शहर में स्थित कुएं-बावडिय़ों के अलावा अन्य जल ोतों का भी समुचित उपयोग किया जा सके। महापौर व आयुक्त ने निर्देश दिए कि ऐसे नल कनेक्शन जो पूर्व वर्ष से नागरिको ने ले रखे है उन्हे किसी कारण वश जलप्रदाय सप्लाय नही किया गया, किंतु जलकर की मांग जल कनेक्शन के समय से ही कि जा रही है, ऐसे नागरिको से कम से कम 7 दिन का समस्त झोनल कार्यालय व निगम मुख्यालय पर जलकर निराकरण शिविर लगाकर नागरिको से आवेदन प्राप्त करे और उनका नियमानुसार जलकर देयक संबंधित समस्या का निराकरण भी करें।

 

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