भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुख समृद्घि के लिए महिलाएं रखेंगी महालक्ष्मी का व्रत

भोपाल। सुहागन महिलाएं आज महालक्ष्मी का व्रत रखेंगी। दूसरे दिन गुरुवार को भी महालक्ष्मी जी की पूजा घर-घर में होगी। कोरोना संक्रमण के कारण मंदिरों में सीमित श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पूजा-अर्चना की जाएगी। पंडितों के अनुसार यह त्यौहार 26 अगस्त को भाद्र पद शुक्ल पक्ष राधा अष्टमी से शुरू हो गया था, जिसका पितृपक्ष की अष्टमी पर समापन होगा। इस व्रत को गजलक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है। गजलक्ष्मी व्रत के दिन हाथी की पूजा और महालक्ष्मी के साथ गजलक्ष्मी स्वरूप की पूजा की जाती है।

आज गोधुलि वेला में महालक्ष्मी (हाथी पूजा) महिलाओं द्वारा की जाएगी। महिलाएं सुबह 16 बार पानी अपने ऊपर गडुआ डालकर स्नान करती हैं और फिर व्रत धारण करेंगी। शाम को 16 प्रकार के पकवान बनाकर मिट्टी के हाथी पर विराजमान महालक्ष्मी जी की 16 दीप जलाकर पूजा करेंगी। कथा, हवन, आरती के बाद महालक्ष्मी व चंद्र देवता को अघ्र्य देकर अपना व्रत खोलेंगी। महिलाएं महालक्ष्मी जी को पीला वस्त्र पहनाकर पूजा के बाद उस वस्त्र से चीर निकालकर अपने साड़ी के पल्लु में बांधती हैं, ताकि परिवार में सुख, समृद्धि में बढ़त मिले। शीतल दास की बगिया घाट पर मिट्टी से बने हाथी जी की पूजा का आयोजन होगा। श्री लक्ष्मी नारायण बिरला मंदिर, करुणाधाम आश्रम समेत अन्य मंदिरों में माता महालक्ष्मी जी का भव्य श्रृंगार व पूजा-अर्चना की जाएगी। महालक्ष्मी व्रत का समापन 10 सितंबर दिन गुरुवार को हो रहा है। महालक्ष्मी के सोरहिया व्रत का प्रारंभ भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है, जिसका समापन आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। इस वर्ष 16 दिनों के महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ 25 अगस्त से हुआ था, जो कल पूर्ण होगा। इस दिन महालक्ष्मी का व्रत करने तथा विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति सुख, समृद्धि और वैभव प्राप्त होता है। वैसे तो लोग 16 दिन लगातार व्रत नहीं रख पाते हैं, वे पहले और अंतिम दिन व्रत रखते हैं। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर की रात्रि में 09 बजकर 45 मिनट पर लगेगी, जो गुरुवार की रात्रि 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। ऐसे में महालक्ष्मी व्रत गुरुवार को रखा जाएगा। महालक्ष्मी के इस व्रत को 16 दिनों तक रखना संभव न हो तो व्यक्ति को पहले दिन, आठवें दिन और अंतिम दिन का व्रत रखना चाहिए। इस व्रत को करने से धन-संपदा, समृद्धि, ऐश्वर्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है। नौकरी या बिजनेस में भी तरक्की मिलती है।

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