उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

बनबना तालाब में नहाने गए 2 बच्चों की डूबने से मौत

  • साथ गए दो बच्चों की सूचना पर लोग मौके पर पहुँचे लेकिन तब दोनों की जान जा चुकी थी

नागदा। बुधवार को बनबना तालाब में नहाने गए 2 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। इनमें से एक लड़का तैरना जानता था और अपने साथ रहे दूसरे लड़के को बचाने के चक्कर में उसकी भी जान चली गई। उनके साथ गए दो अन्य बच्चों ने दोनों के डूबने घर पहुंचकर परिजनों को दी जिस पर परिजनों सहित लोगों की भीड़ मौके पर आ गई और काफी मशक्कत के बाद दोनों के बच्चों के शव पानी से निकाले जा सके।
उल्लेखनीय है कि वर्षा के मौसम में इस तालाब में हर वर्ष जान जाने की घटनाएं होती रहती हैं फिर भी ना तो लोग सावधानी रखते हैं और न ही प्रशासन कोई कदम उठाता है। चम्बल नदी पर तो बेरिकेट्स लगाकर प्रशासन लोगों को नदी तक जाने से रोकता है परंतु तालाब पर पहुंचने पर कोई बंदिश नहीं लगाई जाती जिसके कारण इस तरह की घटनाएँ होती हैं। बुधवार को बनबना तालाब के समीप सुनील नगर में रहने वाले ललित मीणा उम्र 17 और कुणाल उम्र 10 वर्ष की तालाब में डूबने से मौत हो गई। कल शाम ललित और कुणाल अपने दो साथियों के साथ बनबना तालाब में नहाने के लिए गए थे। इस दौरान ललित और कुणाल तालाब में डूब गए। उनके साथ गए दो बच्चे मदद के लिए लोगों को बुलाने के लिए मोहल्ले में आए तथा दोनों के डूबने की जानकारी दी। यह सुनते ही मृत बच्चों के परिजन और लोग मदद करने पहुँचने तब तक दोनों बच्चों की मृत्यु हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि 17 वर्षीय ललित तैरना जानता था और वह काफी देर से तैर भी रहा था लेकिन इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि ललित के साथ जो कुणाल नाम का बच्चा तैरना सिख रहा था संभवत: उसे बचाने की कोशिश में ललित भी डूब गया होगा। काफी देर की मशक्कत के बाद दोनों मृत लड़कों के शवों को पानी से बाहर निकाला गया। आज दोनों के शवों का पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौप दिए।

Share:

Next Post

चेतावनी : इस वजह से लोगों में तेजी से बढ़ रहे हैं डेमेंशिया के मामले, भारत में भी गंभीर खतरा

Thu Aug 5 , 2021
नई दिल्ली। दुनियाभर के लिए वायु प्रदूषण सबसे बड़े खतरों में से एक बना हुआ है। प्रदूषण जनित तमाम बीमारियों के कारण हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत के संदर्भ में बात करें तो यहां भी कई शहरों में प्रदूषण का खतरा साल-दर साल बढ़ता ही जा रहा है। […]