उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

स्मार्ट शहर के लिए 2 हजार करोड़ का बजट लेकिन योगेश्वर टेकरी के लिए भी योजना बनना थी

  • अनदेखी के कारण शहर के बीचों बीच स्थित पर्यटन स्थल का नहीं हो पा रहा विकास

उज्जैन। करीब 6 साल पहले उज्जैन शहर का देश के कुल 98 शहरों में से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया था। इसमें महाकाल रूद्रसागर विकास से लेकर कई प्रोजेक्ट शामिल किए गए लेकिन प्राचीन और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण योगेश्वरी टेकरी के लिए कोई प्लानिंग नहीं की गई। यही कारण है कि शहर के बीचों बीच स्थित यह पर्यटन स्थल अभी भी विकास की बांट जोह रहा है। उल्लेखनीय है कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 6 वर्ष पहले 2298 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसके बाद केन्द्र सरकार ने उज्जैन शहर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए दूसरे चरण में 22 सितम्बर 2016 को चयनित किया था। उसके बाद से लेकर अब तक स्मार्ट सिटी योजना में कई प्रोजेक्ट शामिल किए गए। इसमें सबसे पहले पर्यटन क्षेत्रों का विकास करना, आवागमन सुविधा को बढ़ाना तथा आर्थिक क्षेत्रों का विकास करना शामिल किया गया था। कुल महाकाल क्षेत्र में नॉलेज और इकोनॉमी हब का विकास करना तथा मृदा योजना के तहत महाकाल और रूद्रसागर का विकास करना शामिल किया गया था।



शुरुआत में इसके लिए 600 करोड़ से ज्यादा की योजना बनाई गई थी। शहर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किए जाने के करीब एक साल बाद स्मार्ट क्लास बनाने, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था शुरु करने, 402 करोड़ के सीवरेज प्रोजेक्ट के जरिये शिप्रा नदी में मिल रहे बड़े नालों के गंदे पानी को रोकने की योजना को भी मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा व्हीकल ट्रेनिंग सिस्टम, बाईक शेयरिंग, चौराहा सौंदर्यीकरण, मल्टी मॉडल ट्रांजिस्ट हब विकास करने के साथ-साथ आगर रोड स्थित मिल क्षेत्र में एनएंड इको हब बनाना शामिल किया गया था। इस प्रोजेक्ट में अभी तक ज्यादातर ध्यान महाकाल रूद्रसागर क्षेत्र के विकास पर ही दिया गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से स्मार्ट सड़क निर्माण योजना पर भी काम शुरु कर दिया गया। लेकिन शहर के मध्य स्थित योगेश्वर टेकरी के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कोई स्थान नहीं रखा गया। इससे पर्यटन प्रेमियों में नाराजगी है।

पूरे शहर नजारा दिखाई देता है यहाँ से
योगेश्वर टेकरी पुराने शहर के मध्य में स्थित है तथा यह प्राचीन होने के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इसके समीप ही प्राचीन क्षीरसागर विद्यमान है। योगेश्वर टेकरी की खासियत यह है कि यह शहर के बीचोंबीच है। टेकरी का पूरा परिसर पुराने हरे-भरे पेड़ों से सराबोर है। टेकरी पर नईसड़क की ओर से गुजराती समाज धर्मशाला के पास बनी सीढिय़ों से तथा दूसरी ओर क्षीरसागर क्षेत्र से भी सीढिय़ों के जरिये आया-जाया जा सकता है। इतना ही नहीं टेकरी के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद व्यक्ति यहाँ से चारों दिशाओं में पूरे शहर का नजारा कर सकता है।

6 साल पहले हुए थे कुछ काम
सिंहस्थ 2016 के दौरान यहाँ नई सीढिय़ाँ बनाने, उन पर पत्थर लगाने, टेकरी के ऊपर स्थित बगीचे में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, चकरी आदि लगाने जैसे काम भी किए गए लेकिन उसके बाद नगर निगम ने इसकी देख-रेख नहीं की और यह सभी टूट-फूटकर बिखरने लगे हैं। सिंहस्थ के दौरान यहाँ करीब 25 से 30 लाख रुपए की राशि खर्च कर यह काम कराए गए थे। पूर्व में भी यहाँ कई योजना बनी लेकिन परवान नहीं चढ़ पाई। नीचे गंदी बस्ती होने के कारण गंदगी रहती है।

महाशिवरात्रि पर लगता है मेला, हजारों लोग आते हैं
बीच शहर में स्थित योगेश्वर टेकरी अतिप्राचीन है तथा टेकरी के ऊपर योगेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर भी है। मंदिर में रोजाना दर्शन के लिए श्रद्धालु तो आते ही हैं लेकिन महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ हजारों की तादाद में लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुँचते हैं। अवकाश के दिनों में भी शहरी क्षेत्र से आसपास के लोग सुबह और शाम के समय यहाँ पूरे शहर का नजारा देखने आते हैं। गर्मी के दिनों में भी टेकरी पर लोगों की भीड़ पड़ती है। बावजूद इसके टेकरी के विकास को लेकर अभी तक कोई विस्तृत प्लानिंग नहीं की गई है।

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