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अतिक्रमण हटाने के बाद भी एमआर-4 पुलिया का निर्माण धीमी गति से

January 30, 2025

पहले प्राधिकरण ने दो लेन रोड ही बनाई, जिसे अब फोरलेन में परिवर्तित किया जा रहा है, उज्जैन सिंहस्थ के मद्देनजर यह रोड है जरूरी

इंदौर। बीते कई सालों से एमआर-4 (MR-4) आधा-अधूरा पड़ा है। पिछले सिंहस्थ (Simhastha) में इसका निर्माण (Construction) शुरू किया था और अब 2028 के सिंहस्थ के चलते इसे फोरलेन (Fourlane) में परिवर्तित करने के साथ पुलिया को भी चौड़ा किया जा रहा है। पिछले दिनों फैक्ट्रियों सहित अन्य अतिक्रमण तो हटा दिए, मगर फोरलेन और पुलिया का काम अत्यंत धीमी गति से चल रहा है। जबकि यह एक महत्वपूर्ण रोड है। इंदौर रेलवे स्टेशन से बाणगंगा रेलवे क्रासिंग तक इसका निर्माण होना है। पूर्व में मौके पर जमीन की कम उपलब्धता के चलते प्राधिकरण ने चार की बजाय दो लेन सडक़ ही बनाई थी, जिसे अब चौड़ा किया जा रहा है।


दरअसल, फोरलेन में 200 से अधिक बाधाएं कायम रहीं, जिसमें से कुछ को हटाया और पिछले दिनों दिनों भी आधा दर्जन उद्योगों के निर्माणों को तोड़ा गया। हालांकि कुछ निर्माण अभी भी बाधक हैं। सिंहस्थ-2028 के मद्देनजर अब एमआर-4 पर भी फोकस किया गया है। पोलोग्राउंड क्षेत्र में कान्ह नदी पर बनी पुलिया को भी इसी के मद्देनजर चौड़ा किया जा रहा है। यह पुलिया भी फोरलेन हो जाएगी। हालांकि भागीरथपुरा बस्ती सहित कई बाधाएं अभी भी कायम है। यह भी महत्वपूर्ण है कि एमआर-4 का निर्माण पिछले 2016 के सिंहस्थ के दौरान इंदौर विकास प्राधिकरण ने शुरू किया था। मगर तब जितनी जमीन मिली उस पर ताबड़तोड़ टू लेन बना दी गई, ताकि कुछ यातायात चल सके। अब यह फोरलेन ज-ब पूरा हो जाएगा तो इसका एक बड़ा लाभ रेलवे स्टेशन से सीधे कुमेर्डी में जो प्राधिकरण ने जो आईएसबीटी बनाया है उस तक पहुंचने में आसानी होगी और सांवेर रोड से भी यह जुड़ेगा, जिससे उज्जैन जाने वालों को भी फायदा होगा और बाणगंगा से आने वाला यातायात का दबाव भी घटेगा। रेलवे स्टेशन के साथ-साथ मध्य शहर एमआर-10 और कुमेड़ी आईएसबीटी को आपस में जोडऩे के लिए भी यह एमआर-4 अत्यंत महत्वपूर्ण है। भागीरथपुरा लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के आगे एमआर-4 बाणगंगा रोड पर आकर खत्म होता है और फिर आगे कुमेर्डी तक इसे मिलाया जाना है। कुमेड़ी तक सडक़ बनने के बाद सरवटे बस स्टैंड से भी राजकुमार ब्रिज के नीचे से होते हुए बाणगंगा रेलवे क्रासिंग और फिर आईएसबीटी तक सडक़ निर्मित होगी और एमआर-4 सीधे उज्जैन रोड से भी मिल जाएगा। बीते 8 सालों से यह सडक़ अधूरी पड़ी है और पूर्व में 20 करोड़ रुपए की राशि इसके लिए मंजूर भी की गई। इस फोरलेन सडक़ के अलावा कान्ह नदी पर एक ब्रिज भी बनाया जा रहा है। प्राधिकरण ने निगम को सडक़ बनाने के एवज में 18 करोड़ रुपए की राशि भी दी थी। मुख्य रेलवे स्टेशन से स्वदेशी ब्रिज तक की सडक़ निगम पहले ही बना चुका है। इस सडक़ के पूरा हो जाने से मध्य क्षेत्र तक आना भी आसान रहेगा। हालांकि लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के आसपास भागीरथपुरा बस्ती के चलते भी यह सडक़ आगे तक निर्मित नहीं हो पाई, उसी के चलते निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।

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