उज्जैन । प्रशासन ने शहर में शा.माधवनगर हॉस्पिटल (Dr. Madhavanagar Hospital) के अलावा चरक भवन (Charak Bhawan) की पांचवी मंजिल पर कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) बनाया है। यहां पर अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यहां एक बड़ा वाकया हो गया,जिसे लेकर कलेक्टर तक शिकायत पहुंची है। आनेवाले दिनों में कार्रवाई होगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
बता दें कि निगमायुक्त क्षितिज सिंघल के नन्हे बच्चे को घर पर आकर संभालनेवाली आया को कोरोना हो गया। उन्हे उपचार के लिए चरक कोविड सेंटर में भर्ती करवाया गया। यहां पर एक चिकित्सक ने उक्त महिला जोकि सामान्य कमजोर वर्ग से है, को दवाई का पर्चा थमा दिया कि बाजार से ले आओ। जब महिला का पति बाजार गया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पर्चे में लिखी दवाईयों की कुल कीमत करीब 70 हजार रू. थी। वह सीधे निगमायुक्त के पास गया।
यह हुआ इसके बादसंवेदनशील निगमायुक्त ने मानवता दिखाते हुए सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा को फोन किया ओर कहाकि वे रूपये भिजवा रहे हैं, दवाईयां मंगवा लेना और मरीज का उपचार अच्छे से हो जाए, ऐसा करना। जब व्यक्ति पर्चा और रूपये लेकर डॉ.वर्मा के पास पहुंचा तो वे पर्चा देखकर चौंक गए। पर्चे में ऐसी दवाईयां लिखी थी,जोकि सिविल सर्जन के स्टोर्स में उपलब्ध थी। हालात यह रहे कि इंसुलिन, एंटीबायोटिक्स, पेन कीलर, विटामिन/प्रोटीन से लेकर समान्य इंजेक्शन जोकि रूटिन में मरीजों को शा.अस्पताल में लगाए जाते हैं वे सभी पर्चे में लिखे थे। जो पर्चा था,उसमें प्रायवेट दवाई कम्पनी के महंगे प्रोडक्ट थे। जोकि सामान्य दवाओं की अपेक्षा चार से आठ गुना दाम पर बेची जा रही है। इस पर डॉ.वर्मा ने संबंधित चिकित्सक को जमकर हड़काया और चेतावनी दी। साथ ही इस बात की शिकायत कलेक्टर आशीषसिंह को की, हालांकि कलेक्टर ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
इस संबंध में जब डॉ.वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने टालमटोल किया, लेकिन जब बताया गया कि कलेक्टर को आपने इस बारे में अवगत करवाया है तो उन्होने कहाकि सारा मामला कलेक्टर के पास है। आगे की कार्रवाई उन्हे ही करना है।
डॉ.वर्मा ने कहाकि उन्होंने चरक कोविड सेंटर में आदेश जारी कर दिया है कि कोई भी बाहर की दवाई नहीं लिखी जाए। यदि ऐसी स्थिति बनती है तो पहले उन्हे अवगत करवाया जाए।
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