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AI छीनेगा नौकरियां, रोजगार का खतरा महिलाओं को ज्‍यादा, हर 10 में 8 के हाथ रहेगें ठप

नई दिल्‍ली (New Dehli) । AI: हर दस में से आठ महिलाओं (women) को एआई (AI ) की वजह से या तो कंपनी (company) बदलनी पड़ेगी या फिर नौकरी (employment) से हाथ धोना (wash hands) पड़ सकता है। अध्ययन के मुताबिक, ऐसा कार्यस्थल पर ऑटोमेशन और एआई की मौजूदगी (presence) के कारण होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का जब से आविष्कार हुआ है, तब से इसे मानव के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यह काफी हद तक सही नहीं है। बहरहाल एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि एआई से पुरुषों के मुकाबले बड़ी संख्या में महिलाओं की नौकरियां जाने का खतरा बढ़ा है। अध्ययन में बताया गया है कि एआई के उपकरण चैटजीपीटी की वजह से वर्ष 2030 तक अधिकांश महिलाओं की नौकरियों की जगह एआई ले लेगा।


यह अध्ययन मैक्किंजे ग्लोबल इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि हर दस में से आठ महिलाओं को एआई की वजह से या तो कंपनी बदलनी पड़ेगी या फिर नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। अध्ययन के मुताबिक, ऐसा कार्यस्थल पर ऑटोमेशन और एआई की मौजूदगी के कारण होगा।

कस्टमर सेवाओं व ऑफिस सपोर्ट की नौकरियों में आएगी कमी
जिप रिक्रूटर की मुख्य अर्थशास्त्री जूलिया पोलॉक ने परिणामों के बारे में कहा कि खासतौर पर न्यूनतम वेतनमान वाली नौकरियों पर एआई का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा क्योंकि ऐसी नौकरियों में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा संख्या महिलाओं की है। उदाहरण के तौर पर दफ्तरों में सहायक के तौर पर महिलाओं की संख्या काफी अधिक होती है। इसके अलावा कस्टमर सेवाओं में भी महिलाएं ज्यादा संख्या में होती हैं।

ऐसे में वर्ष 2030 तक दुनिया में ऑफिस सपोर्ट की नौकरियों में 37 लाख तथा कस्टमर सेवाओं की नौकरियों में 20 लाख की कमी आ जाएगी। पोलॉक ने यह भी कहा कि पुरुषों द्वारा किए जाने वाले लकड़ी, बिजली आदि के कामों का विकल्प एआई नहीं बनेगा।

सेल्स कर्मचारी का भी काम करेगा एआई
अध्ययन में यह भी आशंका जताई गई है कि एआई की वजह से दुकानों में सेल्स कर्मचारियों और कैशियर की नौकरियों में भी कमी आ सकती है। इतना ही नहीं एआई इंजीनियरों के काम भी करने में सक्षम है, खासकर डिजाइन से जुड़े कार्यों को करने में। हालांकि अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया कि जिन कामगारों के पास कोई डिग्री नहीं है, जो बूढ़ें हैं और जो कार्यस्थल पर काफी कम उम्र के हैं, उनकी नौकरियां छिनने की आशंका अधिक है।

क्षमता बढ़ाने से एआई की उपयोगिता कम
इस अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि केवल छोटे पदों नहीं, बल्कि बड़े पदों के कार्यों के लिए भी एआई खतरा बन सकता है। हालांकि ऐसे कामों में एआई ज्यादा से ज्यादा काम के घंटों में कमी लाने में उपयोगी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर लोग ऑटोमेशन के साथ काम करने की अपनी क्षमता में विकास कर सकें और चुनौतियों को स्वीकार करें, तो एआई की भूमिका सीमित हो सकती है।
मैक्किंजे ग्लोबल इंस्टीट्यूट के सहयोगी माइकल चुई ने बताया कि अगर एआई की वजह से दस लाख के करीब नौकरियां जा सकती हैं, तो ज्यादा वेतन वाली नौकरियों की संख्या में 38 लाख तक की बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्यों के मुकाबले एआई कितनी जिम्मेदारी से काम करने में सक्षम होगा, यह देखना बाकी है।

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