बड़ी खबर

वैसे तो बातचीत है बंद लेकिन इस काम के लिए PAK जाएगा भारत से डेलीगेशन


नई दिल्लीः परमानेंट इंडस कमीशन (PIC) की वार्षिक बैठक 1 से लेकर 3 मार्च तक पाकिस्तान में होगी. इसके लिए भारत का प्रतिनिधिमंडल इंडस कमिश्नर पीके सक्सेना के नेतृत्व में पाकिस्तान का दौरा करेगा. सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल के 28 फरवरी के आसपास रवाना होगा और 4 मार्च को लौटने की उम्मीद है. दोनों पक्षों के कमिश्नरों के नेतृत्व में आयोग की यह 117वीं बैठक होगी.

दिल्ली में हुई थी पिछली बैठक दिल्ली
बता दें कि 1960 की सिंधु जल संधि के तहत कमिश्नरों की मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सालाना बैठक होती है. आखिरी मुलाकात दिल्ली में पिछले साल 23 से 24 मार्च तक हुई थी. वहीं, इससे पहले कोविड महामारी से पैदा हुए संकट के कारण ढाई साल तक बैठक नहीं हो पाई थी. इससे पहले कमिश्नरों के बीच अगस्त 2018 में लाहौर में बातचीत हुई थी.

कई रूटीन मामलों पर होगी चर्चा
इस बार पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु जल के आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह करेंगे, जो पिछले साल दिल्ली आए थे. इस दौरान कई रूटीन मामलों पर चर्चा होगी. पिछले साल की बैठक में भारतीय पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि 2 भारतीय परियोजना- पाकल दुल (1000 मेगावाट) और लोअर कलनई (48 मेगावाट) के डिजाइन संधि के प्रावधानों के अनुरूप हैं.

नदियों के अप्रतिबंधित उपयोग के लिए हुई थी संधि
पाकिस्तान ने भारत से अन्य भारतीय जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन के बारे में जानकारी साझा करने का अनुरोध किया, जिन्हें विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. बता दें कि 1960 की सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान की तरफ से बहने वाली 3 नदी – सतलुज, ब्यास और रावी का पानी अप्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत को आवंटित किया जाता है. जबकि, भारत की 3 नदी – सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को जाता है.


भारत को 3 नदी पर जल विद्युत परियोजना शुरू करने का है अधिकार
इसके अतिरिक्त भारत को डिजाइन के विशिष्ट मानदंडों के अधीन 3 पश्चिमी नदियों पर नदी परियोजनाओं के माध्यम से जलविद्युत उत्पन्न करने का अधिकार है. संधि के तहत पाकिस्तान पश्चिमी नदियों पर भारतीय जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर आपत्ति उठा सकता है. अतीत में कई मुद्दों का समाधान किया गया है, लेकिन कोई भी पक्ष अदालत में जा सकता है.

बिना गतिरोध के जारी रहती है बैठक
PIC की यह बैठक उन कुछ द्विपक्षीय संस्थानों में से एक है, जो सरकारों के बीच बातचीत होने या न होने की स्थिति में भी काम करना जारी रखते हैं. इस दौरान दोनों तरफ से तीर्थयात्रियों की आवाजाही भी जारी रहती है. इनमें भारतीय सिख और हिंदू तीर्थयात्री पाकिस्तान में पवित्र स्थानों पर जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ दोनों पक्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को कैदियों और परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान भी जारी रखते हैं.

ऐसा करना 2008 और 1988 के समझौते के तहत शुरू हुआ था. 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य दर्जा हटने के बाद पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया था. इससे पहले भारतीय पीएम मोदी ने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान का औचक दौरा किया था, लेकिन उसके बाद उरी आतंकी हमले के बाद संबंधों में गतिरोध पैदा हो गया था.

Share:

Next Post

प्रोफेसर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित बनीं जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति

Mon Feb 7 , 2022
नई दिल्ली । जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में प्रोफेसर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित (Professor Shantishree Dhulipudi Pandit) पहली महिला कुलपति (First woman Vice Chancellor) होंगी । इससे पहले तक (Until before) वह (She) पुणे स्थित सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी (Savitri Bai Phule University, Pune) में प्रोफेसर ( Professor) थीं। अभी तक एम जगदीश कुमार जेएनयू के […]