यातो दीवाना हंसे, या फिर तू जिसे तौफ़ीक़ दे
वर्ना इस ज़माने में आजकल मुस्कुराता कौन है।
अगर आप हंसने मुस्कुराने से गुरेज़ करते हों। गोया के आप बला के सूमड़े या ट्रुर्रे टाइप के इंसान हों तो आपको विभांशु जोशी से मुलाकात करनी चाहिए। यकीनन इनसे आपको हंसने-बोलने और खुश रहने का सलीक़ा और शऊर आ जायेगा। भाई मियां ने स्माइली लाइव की बाकायदा मुहिम चलाई हुई है। जिसके ज़रिए ये हर मिलने वाले को खुश रहने ओर दूसरों को खुश रखने का पैगाम देते हैं। विभांशु की तमाम खूबियों की बात हम आगे करेंगे बाकी हाल ही में इने दिल्ली में बाल संरक्षण के लिए अटल फाउंडेशन अवार्ड से नवाजा गया है। इनकी क़ाबलियत का अंदाज़ा इसी से लगया जा सकता है कि ये नए आईएएस/आईपीएस और नए डीएसपी अफसरों को बच्चों के संरक्षण के कानून पॉक्सो एक्ट पढ़ाते है।
ये नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी और सीएपीटी में ट्रेनी जजों की क्लास भी लेते हैं। ये इतना अच्छा बोलते हैं कि राष्ट्रीय बाल आयोग में इने कानून वाचक तक कहा जाता है। आप मप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय बाल भवन के साबिक़ मेंबर रह चुके हैं। विभांशु जी को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने तीन बार लोक सभा चुनाव का पर्यवेक्षक बनाया। इंन्ने कई टीवी सोप्स में अदाकारी।भी करी। ये लेखक भी गज़़ब के हैं। कई नेशनल अवार्ड जीत चुके विभांशु जोशी को अहमदाबाद में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस के मुखिया ने बाल संरक्षण में किये गए इनके काम के लिए अवार्ड से नवाजा था। अटल फाउंडेशन अवार्ड के लिये आपको सूरमा की दिली मुबारकबाद। Share: