विदेश

अमेरिकाः भारतीय दवा कंपनी के आई ड्रॉप से 3 की मौत, 8 ने गंवाई रोशनी

वाशिंगटन (Washington)। भारतीय दवा कंपनी (Indian pharmaceutical company) के आई ड्रॉप (Eye drops) को लेकर अमेरिका में हड़कंप (Turmoil in America) मच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके इस्तेमाल से तीन लोगों की मौत (Three people died) हो चुकी है और 8 को अपनी रोशनी गंवानी पड़ी। यूएस के टॉप मेडिकल वाचडॉग ने इस ड्रॉप में दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया (drug-resistant bacteria) होने की संभावना जताई है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का हवाला से यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके इस्तेमाल से इंफेक्शन के दर्जनों मामले भी सामने आए हैं। चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर (Global Pharma Healthcare) की ओर से यह दवा ब्रांड नाम एज़्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स (ezricare artificial tears) के तहत बनाई गई है।


सीडीसी ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि भारत से आयातित आई ड्रॉप्स में मिला यह दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया US में पैर जमा सकता है। संक्रामक रोगों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह स्ट्रेन अमेरिका में इससे पहले नहीं मिला है। ऐसे में देश के पास जो एंटीबॉयोटिक्स मौजूद हैं उनसे इसका इलाज करना मुश्किल हो सकता है। मालूम हो कि चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण में ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर स्थित है। इसने फरवरी में ही अमेरिकी बाजार से जुड़े आई ड्रॉप्स का प्रोडक्शन बंद कर दिया था। साथ ही कस्टमर लेवल पर EzriCare आर्टिफिशियल टीयर्स और डेलसम फार्मा के आर्टिफिशियल टीयर्स के सभी बचे हुए लॉट को भी वापस ले लिया गया।

‘आंखों में संक्रमण का खतरा, मौत की भी आशंका’
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी है कि संक्रमित आर्टिफिशियल टीयर्स के इस्तेमाल से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके चलते रोशनी गंवानी पड़ सकती है या फिर मृत्यु की भी आशंका है। इतना ही नहीं, स्यूडोमोनास एरुजिनोसा नाम का बैक्टीरिया खून, फेफड़ों या घावों में संक्रमण का कारण बन सकता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण हाल के दिनों जर्म्स का मुकाबला करना कठिन साबित हो रहा है। सीडीसी ने 21 मार्च को इस मामले को लेकर अपनी वेबसाइट पर आखिरी अपडेट में कहा था, ‘जिन मरीजों ने एजरीकेयर या डेलसम फार्मा के आर्टिफिशियल टीयर्स का इस्तेमाल किया है और जिनकी आंखों में संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें तुरंत मेडिकल केयर की जरूरत है।’

ग्लोबल फार्मा ने 50,000 ट्यूब अमेरिका से मंगवाईं वापस
बता दें कि ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अमेरिकी बाजार से आंख की दवा की 50,000 ट्यूब को विषाणु संक्रमण के कारण वापस मंगाया है। ‘अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ (यूएसएफडीए) ने यह जानकारी दी। अपनी नवीनतम रिपोर्ट में अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने कहा कि चेन्नई स्थित दवा कंपनी ने अमेरिकी बाजार में ‘आर्टिफीशियल आई ऑइंटमेंट’ के प्रभावित लॉट को वापस लेने का फैसला किया है। यूएसएफडीए ने कहा कि प्रभावित लॉट का न्यूयॉर्क की डेलसम फार्मा की ओर से अमेरिकी बाजार में इसका वितरण किया गया।

कफ सीरप से बच्चों की मौत का भी मामला
कुछ दिनों पहले ही भारत में निर्मित कफ सीरप के सेवन से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का ड्रग लाइसेंस रद्द कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि दवा कंपनी से 36 सैंपल चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे। 22 नमूने जांच में मानकों पर खरा नहीं उतरे। कफ सीरप के कई सैंपल्स में डायथिलीन ग्लाइकाल और एथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा अधिक पाई गई।

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