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अमेरिका की पहली महिला विदेश मंत्री अलब्राइट का निधन, लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं

वॉशिंगटन: अमेरिका (America) की पहली महिला विदेश मंत्री (first female U.S. secretary of state) मेडेलीन अलब्राइट (Madeleine Albright) का निधन हो गया है. अलब्राइट के परिजनों ने बुधवार को बताया कि वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं और उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन के समय उनके परिजन और दोस्त मौजूद थे. वह 84 साल की थीं. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में 4 साल काम किया. इससे अलावा अलब्राइट संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में अमेरिकी राजदूत रही हैं.

राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 1996 में मेडेलीन अलब्राइट को अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के रूप में चुना, और उन्होंने क्लिंटन प्रशासन के अंतिम चार सालों तक अपनी पूरी क्षमता के साथ काम किया. इससे पहले वह संयुक्त राष्ट्र में क्लिंटन की राजदूत भी रह चुकी हैं. उस समय, अलब्राइट अमेरिकी सरकार के इतिहास में सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला थीं. हालांकि, वह कभी भी राष्ट्रपति पद की उत्तराधिकार की लाइन में नहीं रह सकीं क्योंकि वह अविभाजित चेकोस्लोवाकिया की मूल निवासी थी, और उनका जन्म प्राग में हुआ था.

अंतिम समय में दोस्तों और परिजनों संग थीं अलब्राइट
मेडेलीन अलब्राइट के परिवार ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया, “वह अपने अंतिम समय में परिवार और दोस्तों के साथ थीं.” उन्होंने आगे लिखा, “हमने एक प्यारी मां, दादी, बहन, चाची और दोस्त खो दिया है.” इसका कारण कैंसर था. साल 2012 में, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अलब्राइट को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करते हुए कहा कि उनका जीवन सभी अमेरिकियों के लिए एक प्रेरणास्रोत की तरह है.


अलब्राइट सालों तक मुखर बनी रहीं. पद छोड़ने के बाद, उन्होंने कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए गठजोड़ के बजाए आक्रामक तेवर बनाए रखा. उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की कड़ी आलोचना की और कहा कि बुश ने उदारवादी अरब नेताओं को खदेड़ दिया और यूरोपीय सहयोगियों के साथ एक खतरनाक दरार की संभावना पैदा कर डाली.

हालांकि, चेकोस्लोवाकिया से एक शरणार्थी के रूप में अमेरिका आने वाली अलब्राइट ने बिल क्लिंटन प्रशासन को कोसोवो में संघर्ष में सैन्य रूप से शामिल होने के लिए दबाव डालने में अग्रणी भूमिका निभाई. उन्होंने क्यूबा पर भी कड़ा रुख अपनाया, संयुक्त राष्ट्र में उन्होंने अपना लोकप्रिय भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि एक नागरिक विमान की क्यूबा की गोलीबारी “कोजोन” (cojones) नहीं थी, बल्कि “कायरता” थी. साथ ही उन्होंने महिलाओं को सलाह दी कि वे “अधिक आत्मविश्वास से कार्य करें” और “जब तक वे सक्षम हों तब तक प्रश्न पूछें और पूछने की प्रतीक्षा न करें.”

उन्होंने 2010 में हफ़पोस्ट लिविंग से बातचीत में कहा था, “एक आवाज तैयार करने में मुझे काफी लंबा समय लगा, और अब जब मेरे पास है, तो मैं चुप नहीं रहने वाली हूं.” अलब्राइट एक अंतरराष्ट्रीयवादी महिला नेता थीं, जिनके दृष्टिकोण को उनकी पृष्ठभूमि ने आंशिक रूप से आकार दिया था. 1939 में उनका परिवार चेकोस्लोवाकिया से भाग गया क्योंकि नाजियों ने उनके देश पर कब्जा कर लिया था, और उन्होंने युद्ध के वर्षों को लंदन में बिताया था.

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