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पशुपति विकास निधि के कार्यकारी निर्देशक घनश्याम खातीवाड़ा ने बताया कि संत को उपहार देकर विदा किया गया। इनमें सर्वश्रेष्ठ नागा बाबा ने बताया कि उन्हें सबसे अधिक नौ हजार नेपाली रुपये मिले।निधि के मुताबिक, इस साल करीब 7000 साधु पशुपतिनाथ धाम आए, जिनमें से 2000 नागा बाबा थे। गुथी संस्थान उन्हें सर्वाधिक दक्षिणा देता है।
खातीवाड़ा ने कहा कि उसका आधा हिस्सा पशुपति विकास निधि में देने की परंपरा पिछले पांच साल से चली आ रही है।
संतों ने भक्तों से दक्षिणा भी प्राप्त की। इस वर्ष उनकी उत्साहवर्धक उपस्थिति रही।
नेपाल में प्रचलित मान्यता है कि जब महाशिवरात्रि पर नागा बाबा वापस आते हैं तो अपने साथ एक थांडी लेकर जाते हैं। इसलिए महाशिवरात्रि पर आना उनके लिए बड़े सम्मान की बात है। (हि.स)
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