ग्वालियर। ग्वालियर (Gwalior) में मध्यप्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (Director General of Police) कैलाश मकवाना (Kailash Makwana) के खिलाफ कोर्ट (Court) ने ₹5000 का जमानती वारंट (Bailable Warrant) जारी किया है। दरअसल, एक नियुक्ति विवाद से जुड़े मामले में छह फरवरी को डीजीपी को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में उपस्थित होना था।
कोर्ट ने उन्हें अनिवार्य रूप से तलब किया था, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी के चलते हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उनके नाम जमानती वारंट जारी कर दिया। पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया ने वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में सब-इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 6 जून 2014 को आदेश दिया कि एसएएफ में प्लाटून कमांडर पद पर नियुक्ति की तिथि से ही उन्हें सब-इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त किया जाए।
साथ ही, इस आदेश का पालन 45 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन पुलिस मुख्यालय ने आदेश का पालन नहीं किया। इस वजह से 2015 में अवमानना याचिका दायर की गई, जो तब से लंबित है। आदेश का पालन न होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और 20 जनवरी को निर्देश दिया कि मध्यप्रदेश के डीजीपी 6 फरवरी को अदालत में पेश हों। बावजूद इसके, डीजीपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, जिसके चलते उनके खिलाफ ₹5000 का जमानती वारंट जारी किया गया। इस मामले में मध्यप्रदेश के डीजीपी को 27 फरवरी को अदालत में पेश होना अनिवार्य होगा। यदि वे निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं होते हैं, तो कोर्ट और सख्त रुख अपना सकता है। संभावना है कि, फरवरी के अंतिम सप्ताह में होने वाली सुनवाई के दौरान डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कैलाश मकवाना अदालत में उपस्थित हो सकते हैं।
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