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बीसीसीआई ने क्रिकेट में धोखाधड़ी को रोकने के लिये उठाये कड़े कदम

मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को क्रिकेट में उम्र और मूलनिवास धोखाधड़ी को रोकने के लिये कड़े कदम उठाए हैं।

क्रिकेट में उम्र और मूलनिवास धोखाधड़ी को रोकने के लिए बीसीसीआई ने अतिरिक्त उपायों को अपनाने का फैसला किया है, जो कि बीसीसीआई आयु-समूह टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी क्रिकेटरों के लिए सीजन 2020-21 से लागू होंगे।

इन उपायों के तहत “ऐसे खिलाड़ी जो स्वेच्छा से घोषणा करते हैं कि उन्होंने पूर्व में फर्जी या छेड़छाड़ किए गए दस्तावेजों को जमा करके अपनी जन्मतिथि में हेरफेर किया है, उन्हें निलंबित नहीं किया जाएगा और अपनी वास्तविक जन्म तिथि का खुलासा करने पर उन्हें उपयुक्त आयु समूह स्तर पर भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।”

अपने वास्तविक जन्मतिथि का खुलासा करने वाले खिलाड़ियों को 15 सितंबर 2020 से पहले बीसीसीआई आयु सत्यापन विभाग को निर्धारित दस्तावेजों के साथ एक हस्ताक्षरित पत्र / ईमेल भी प्रस्तुत करना होगा।

हालांकि यदि पंजीकृत खिलाड़ी तथ्यों का खुलासा नहीं करते हैं और बीसीसीआई द्वारा नकली या छेड़छाड़ किए गए जन्मतिथि सबूत के दस्तावेज जमा किए गए पाए जाते हैं, तो उन्हें 2 साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। 2 साल के निलंबन के पूरा होने के बाद उन्हें आयु समूह टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बीसीसीआई के आयु वर्ग के टूर्नामेंटके साथ-साथ राज्य इकाइयों द्वारा आयोजित आयु वर्ग के टूर्नामेंट से भी उनको निलंबित रखा जाएगा। ऐसा इसी सीजन से होगा। वरिष्ठ पुरुषों और महिलाओं सहित मूलनिवास धोखाधड़ी करने वाले सभी क्रिकेटरों पर 2 साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा।

स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजना उन क्रिकेटरों के लिए लागू नहीं होती है, जिन्होंने मूलनिवास धोखाधड़ी की है। बीसीसीआई अंडर -16 आयु वर्ग के टूर्नामेंट के लिए, केवल उन खिलाड़ियों को पंजीकृत किया जाएगा, जिनकी आयु 14-16 वर्ष के बीच है।

वहीं, अंडर 19 खेलने के लिए जमा किए किसी खिलाड़ी के दस्तावेज में दो साल का अंतर पाया जाता है तो उसको भी दो साल के लिए आयु-समूह से निलंबित किया जाएगा।

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा,”हम सभी आयु समूहों में एक स्तरीय खेल मैदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीसीसीआई उम्र में धोखाधड़ी का मुकाबला करने के लिए कदम उठा रहा है और अब आगामी घरेलू सत्र से भी सख्त कदम उठाये जाएंगे। जो लोग स्वेच्छा से अपने दुर्व्यवहार का खुलासा नहीं करते हैं उन्हें भारी सजा दी जाएगी और दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।”

वहीं, सचिव जय शाह ने कहा है कि बीसीसीआई ने इस पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने का फैसला किया है।

राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख राहुल द्रविड़ ने कहा कि आयु धोखाधड़ी एक गंभीर मामला है और खेल के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है। कई युवा जो एक विशेष आयु वर्ग में खेलने वाले होते हैं, वे इसे उम्र की धोखाधड़ी के कारण विफल हो जाते हैं। बीसीसीआई ने इस पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, इसके लिए खिलाड़ियों को आगे आना और बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना होगा। (एजेंसी, हि.स.)

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