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BCCI की चयन समिति में 4 पेसर और एक स्पिनर, बल्लेबाज एक भी नहीं, आखिर क्यों?

नई दिल्ली। भारतीय टीम का नाम आते ही बल्लेबाजों की लंबी फेहरिस्त याद आती है. सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, दिलीप वेंगरसकर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, रोहित शर्मा… तकरीबन हर दौर में किसी ना किसी भारतीय बल्लेबाज ने दुनिया के गेंदबाजों को थकाया है. इन बल्लेबाजों की खेल से लेकर तकनीकी समझ की दुनिया दीवानी रही है. ऐसे में जब भारतीय टीम का चयन करने वाली समिति में एक भी बल्लेबाज ना हो तो हैरानी होती है. अब इसके पीछे कोई कारण है या यह सब अनजाने में हुआ है, इसकी पड़ताल करने से पहले यह जान लेते हैं कि पूरा माजरा क्या है.

बीसीसीआई ने गुरुवार को सीनियर क्रिकेट टीम को चुनने वाली समिति के तीन नए सदस्यों का ऐलान किया. इनके नाम है चेतन शर्मा, अभय कुरुविला और देवाशीष मोहंती. सुनील जोशी और हरविदंर सिंह पहले से ही चयन समिति में हैं. चेतन शर्मा इन सबमें सबसे ज्यादा अनुभवी होने के चलते समिति के चेयरमैन होंगे. समिति के कामकाज की समीक्षा एक साल बाद होगी. फिर तय होगा कि इनका कार्यकाल बढ़ाया जाय या नहीं. इस चयन समिति की खास बात यह है कि इनमें से चार पूर्व तेज गेंदबाज और एक पूर्व स्पिनर है. इनमें से कोई भी ऐसा नहीं है, जिसे बल्लेबाज कहा जा सके. हालांकि, चेतन शर्मा के नाम वनडे में एक शतक दर्ज है. ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय टीम की चयन समिति में चार स्पेशलिस्ट पेसर हैं.

क्रिकेट में मुख्य रूप से दो तरह के खिलाड़ी होते हैं- बल्लेबाज और गेंदबाज. यानी, वह किसी एक ही विधा का पारंगत होता है. इन दोनों का संतुलन बना लेने वाले ऑलराउंडर कहलाते हैं. ऐसे ऑलराउंडर उंगलियों में गिने जा सकते हैं, जो दोनों विधा में समान रूप से पारंगत हों. किसी भी टीम को बनाने में दो तरह के लोगों की सबसे अहम भूमिका होती है. टीम के कोच और कोचिंग स्टाफ और दूसरा चयन समिति में शामिल सदस्य. जब ये लोग अपनी भूमिका बखूबी निभाते हैं तो मैदान पर शानदार रिजल्ट मिलते हैं. अगर इनमें से कोई भी अपनी भूमिका में नाकाम रहता है तो उसका बुरा असर सीधे मैदान पर दिखता है.

जब बीज रोपा ही गया हो तभी उस पर आने वाले फलों की बात करना जल्दबाजी कही जाती है. ऐसे ही अगर हम बीसीसीआई की नई चयन समिति के काम शुरू करने से पहले ही कोई कयास लगाने लगें तो इसे भी उसी श्रेणी में रखा जाएगा. फिर भी यह संभव नहीं है कि चयन समिति के बारे में बात ही ना हो. भारतीय क्रिकेटप्रेमी अभी विश्व कप 2019 की हार नहीं भूले हैं और जानते हैं कि हमें तब नंबर-4 पर काबिल बल्लेबाज की कमी सबसे ज्यादा खली थी. अब 2021 में टी20 विश्व कप और 2023 में वनडे विश्व कप होना है. टी20 विश्व कप 2021 के लिए टीम का चयन यही समिति करेगी. वनडे विश्व कप 2023 के लिए भी टीम का आधार चेतन शर्मा की अगुवाई वाली चयन समिति ही करेगी.

अक्सर यह देखा गया है कि टीम चयन के वक्त कप्तान या कोच अपने पसंद का खिलाड़ी चुनने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में काबिल और दूरदर्शी चयनकर्ता ही बिना दबाव के सही खिलाड़ी चुन पाते हैं. यह मान लेना सही नहीं होगा कि कि पूर्व गेंदबाज टीम को चुनते वक्त बल्लेबाजों के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे. लेकिन यह मानने के भी पर्याप्त कारण हैं कि युवा बल्लेबाजों की तकनीक, धैर्य को जिस सहजता से कोई पूर्व बल्लेबाज पहचानेगा, उतना शायद कोई पूर्व गेंदबाज ना पहचान पाए. अक्सर टीम का कप्तान दिग्गज बल्लेबाज होता है. कोच भी ज्यादातर पूर्व बल्लेबाज ही देखे गए हैं. ऐसे में संभव है कि कोच-कप्तान की जोड़ी गेंदबाजी का अनुभव रखने वाले चयनकर्ताओं पर हावी हो जाए. खासकर नए बल्लेबाज के चुनाव के वक्त. अगर ऐसा होता है तो यह टीम के लिए कहीं से भी बेहतर नहीं कहा जाएगा. उम्मीद है कि विश्व कप में पहली हैट्रिक लेने वाले चेतन शर्मा की अगुवाई में ‘पंच परमेश्वर’ ऐसे किसी दबाव में नहीं आएंगे.

रही बात यह कि आखिर चयन समिति के पांचों सदस्य गेंदबाज क्यों है? तो इस पर बीसीसीआई की ओर से ना तो कोई वजह बताई गई और ना ही कोई सफाई दी गई है. दरअसल, क्रिकेट की एक खूबी है, जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को खूब पसंद है. वह है अनिश्चितता. बोर्ड अपनी अपारदर्शिता के लिए भी खासा ‘मशहूर’ है. ऐसे में भारतीय क्रिकेट बोर्ड से ऐसे किसी सवाल का जवाब मिलने की उम्मीद लगाना भी बेकार ही है. इसलिए कयास तो लगते ही रहेंगे.

और अंत में. चयन समिति के लिए चेतन शर्मा, अभय कुरुविला व देवाशीष मोहंती के नाम की सिफारिश क्रिकेट एडवायजरी कमेटी ने की है, जिसे सीएसी भी कहा जाता है. सीएसी के सदस्य तीन पूर्व क्रिकेटर मदन लाल, आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक हैं. यानी, इत्तफाक से सीएसी में भी कोई विशेषज्ञ बल्लेबाज नहीं है. मदन लाल और आरपी सिंह अपने जमाने के गेंदबाज हैं और सुलक्षणा नाइक विकेटकीपर रही हैं. सीएसी ने 11 लोगों के इंटरव्यू करने के बाद ही तीन नामों की सिफारिश की, जिसे बीसीसीआई ने बिना हिचकिचाहट के मान लिया.

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