आचंलिक

टूटी नींद, आरटीओ ने चलाया चेकिंग अभियान

  • 25 स्कूल वाहनों पर की चालानी कार्यवाही

सीहोर। नया शिक्षण सत्र 15 जून से शुरू होने के बाद स्कूली वाहनों की आवाजाही बढऩे लगी, लेकिन इनमें से कई वाहन अनफिट थे, इस तरह की शिकायतें लंबे समय से विभाग के पास पहुंच रही थी, लेकिन कार्यवाही के अभाव में यह स्कूली वाहन बिना मापदंडो के पालन के बच्चों को बैठाकर आवागमन करते रहे। परिवहन विभाग की नींद आखिर लंबे समय पर टूटी और कार्यवाही करते हुए 25 वाहनों पर कार्यवाही की गई है। जानकारी के अनुसार यातायात पुलिस एवं जिला परिवहन विभाग द्वारा भोपाल नाके पर स्कूल वाहन, स्कूल वैन एवं ऑटो चालकों पर संयुक्त कार्रवाई की। कार्रवाई में परिवहन विभाग द्वारा कुल 03 स्कूल बस एवं 05 स्कूल वैन जप्त की गई। साथ ही 25 स्कूली वाहनों के खिलाफ चालानी कार्यवाही कर कुल 33 हजार रूपए का शमन शुल्क वसूला गया। यातायात पुलिस द्वारा 6 स्कूल वाहनों एवं ऑटो पर चालानी कार्यवाही कर 5 हजार 500 रुपए समन शुल्क वसूला गया। संयुक्त कार्रवाई में जिला परिवहन अधिकारी रितेश तिवारी, यातायात प्रभारी सूबेदार प्राची राजपूत उपस्थित थे। परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस द्वारा यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

कार्यवाही सिर्फ खाना पूर्ति
जिले सहित सीहोर शहर में अधिकतर निजी स्कूल सुबह के समय संचालित होते हैं, इन स्कूलो में छोटे बच्चों के आवागमन के लिये बस, मैजिक ओर आटो का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। इसमें खास बात यह है कि इन वाहनों में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है। इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बीते दिन आरटीओ रितेश तिवारी द्वारा की गई कार्यवाही खानापूर्ति, जतलाती दिखी। दोपहर के बाद अधिकतर हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होते हैं, जिनकी सं या शहर में कम है, जबकि प्रायमरी और मिडिल स्कूल की सं या अधिक हैं जो कि सुबह के समय संचालित होते हैं।


बिना फिटनेस ओर मापदंडो के सरपट दौड़ रहे वाहन
स्कूलो में स्कूल बस के साथ ही मैजिक और आटो से बच्चों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाकर इन्हें स्कूल से लाते ले जाते हैं। बच्चें रोज अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्राप्त करने स्कूल आते जाते हैं, लेकिन इन वाहन चालको पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। बिना फिटनेस के वाहनो के संचालन का खुलासा तब हुआ जब आरटीओ ने चेकिंग शुरू की। इन्हीं स्कूल वाहनो में कुछ वाहन बिना फिटनेस, बिना फस्र्ट एड बॉक्स और बिना कागजात के मिले। इसके साथ ही कई वाहनों की हालत कंडम हो रही है। इन वाहनों में बच्चें अपनी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं।

कई वाहन पंजीकृत नहीं, बच्चों को ढो रहे
जिला परिवहन विभाग शहर सहित जिले के निजी स्कूलो में बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने के लिये वाहनों का पंजीयन कराया है। इन वाहनों की सं या आरटीओ विभाग के पास बहुत कम हैं, जबकि सड़को पर बच्चों को तीन गुना अधिक वाहनों से स्कूल प्रबंधन द्वारा वाहनों में ठूंस-ठूंस कर बैठाकर स्कूल लाया जाता है। स्कूल बस को छोड़कर कई मैजिक और आटो परिवहन विभाग में पंजीकृत नहीं है जिनको बच्चो को स्कूल से लाने ले जाने की अनुमति दी गई हो। इसके विपरीत आटो से शहर में सबसे अधिक बच्चों को ठूंस-ठूंस कर बैठाकर स्कूल लाने ले जाने का काम किया जा रहा है।

इनका कहना है
स्कूल वाहनों पर कार्यवाही का सिलसिला निरंतर जारी रहेगा। यह कार्यवाही जिले के अलग अलग स्थानों पर जारी रहेगी। बिना अनुमति और बिना मापदंडो के स्कूल वाहन संचालको पर कार्यवाही की जाएगी।
रितेश तिवारी, जिला परिवहन अधिकारी, सीहोर

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