इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कनाड़ा और स्विट्जरलैंड की कम्पनियों ने दिखाईं इंदौर के स्टार्टअप पार्क में रुचि

  • प्राधिकरण की प्री-बिड मीटिंग में पहुंचीं पांच दिग्गज कम्पनियां, 20 एकड़ पर होना है निर्मित, आरडब्ल्यू-3 के लिए धार रोड पर घोषित होगी नई योजना भी

इंदौर। नवी मुंबई में जो स्टार्टअप पार्क बनाया गया है, उसकी कम्पनी ने भी इंदौर आकर अपना प्रजेंटेशन प्राधिकरण अधिकारियों के समक्ष दिया। सुपर कॉरिडोर की 20 एकड़ जमीन पर प्राधिकरण 450 करोड़ की लागत से स्टार्टअप पार्क का निर्माण करने जा रहा है, जिसकी प्री-बिड मीटिंग पिछले हफ्ते सम्पन्न हुई, जिसमें कनाड़ा, स्विट्जरलैंड, मुंबई के साथ इंदौर की भी एक कम्पनी ने हिस्सा लिया और अपने सुझाव सौंपे, जिसके आधार पर प्राधिकरण फाइनेंशियल बिड खोलेगा। दूसरी तरफ पश्चिमी रिंग रोड की तरफ आरडब्ल्यू-3 का निर्माण होना है। पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्री इस महत्वपूर्ण रोड निर्माण की हरी झंडी दे गए थे, उसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने ड्रोन सर्वे करवाया और प्राधिकरण ने इस सर्वे की रिपोर्ट भी मांगी है, ताकि धार रोड पर नई योजना घोषित की जा सके।

शहर का पश्चिमी बायपास अधूरा ही रहा है। 2008 के मास्टर प्लान में भी बायपास को महू रोड से मांगलिया तक अलाइनमेंट तय कर दिया था, मगर बाद में इसमें बदलाव किया गया और अब इसे इंदौर-अहमदाबाद हाईवे से भी जोड़ा जाएगा। 1400 करोड़ रुपए की राशि इसके निर्माण पर खर्च होगी। पश्चिमी क्षेत्र में नई टाउनशिप, बिल्डिंगों के निर्माण से लेकर विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे। हालांकि प्राधिकरण लाख चाहकर भी पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण नहीं कर सका। वर्तमान का पूर्वी रिंग रोड को सालों पहले बनकर तैयार भी हो गया था। चंदन नगर बस्ती के कारण पश्चिमी रिंग रोड नहीं बन सका और आज भी बाहरी वाहन शहरी क्षेत्र से ही गुजरते हैं। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वैसे तो दो साल पहले ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी और नए सिरे से सर्वे करने के निर्देश भी दिए और अभी पिछले दिनों 20 नए ओवरब्रिजों के साथ अन्य महत्वपूर्ण सडक़ों के निर्माण की घोषणा गडकरी ने की।


उसमें आरडब्ल्यू-3 भी शामिल रहा। पूर्व में प्राधिकरण ने जो सर्वे किया था, उसमें दो हजार से अधिक निर्माण चिन्हित किए गए थे, मगर उन्हें हटाया नहीं जा सका। अब इसका पहला हिस्सा इंदौर-अहमदाबाद हाईवे से माचल के पास और मांगलिया के राऊखेड़ी में पूर्वी बायपास से जुड़ जाएगा, ताकि शहर की आउटर रिंग रोड पूरी तरह से निर्मित हो सके और बाहरी वाहनों का यातायात सुगम हो और शहर में जाम की स्थिति ना बने। प्राधिकरण धार रोड की तरफ एक नई योजना भी घोषित करेगा, ताकि आरडब्ल्यू-3 का निर्माण हो सके, साथ ही रोड के दोनों तरफ निजी जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी की जाएगी। अब चूंकि लैंड पुलिंग एक्ट के तहत प्राधिकरण नई योजनाएं घोषित करता है, जिसमें जमीन मालिकों को 50 फीसदी जमीन वापस लौटा दी जाती है और मास्टर प्लान के साथ प्रमुख सडक़ों के निर्माण के अलावा प्राधिकरण हरियाली विकसित करने के बाद शेष बची 20 फीसदी जमीन को विकसित कर भूखंड बेचकर सडक़ और योजना में खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति करेगा।

दूसरी तरफ सुपर कॉरिडोर पर जो 20 एकड़ का स्टार्टअप पार्क बनाना है, उसके लिए प्री-बिड की प्रक्रिया पिछले दिनों सम्पन्न हुई। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, सीईओ आरपी अहिरवार सहित अन्य अधिकारियों और प्री-बिड में भाग लेने वाली पांच कम्पनियों के प्रतिनिधियों-विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिसमें कनाड़ा की दो फर्में, स्विट्जरलैंड की दो फर्म और मुंबई तथा इंदौर की भी एक-एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट फर्म ने हिस्सा लिया। इसमें मुंबई की एक फर्म वह भी शामिल रही, जिसने नवी मुंबई में स्टार्टअप पार्क का निर्माण किया है। अब प्राधिकरण प्री-बिड मीटिंग में प्राप्त विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर फाइनेंशियल बिड खोलेगा, ताकि अच्छी फर्म को ठेका दिया जा सके। 450 करोड़ रुपए की लागत स्टार्टअप पार्क पर खर्च की जाना है। पूर्व में प्राधिकरण ने प्री-बिड के टेंडर निरस्त किए थे, ताकि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के साथ ये प्रस्ताव प्राप्त हों।

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