भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

व्यापमं घोटाले की जांच पर सीबीआई और मप्र पुलिस में ठनी

  • व्हिसल ब्लोअर ने लगाए आरोप, रसूखदारों के नाम पुलिस ने दबाए

भोपाल। बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की शिकायतों की जांच को लेकर सीबीआई और पुलिस के बीच ठन गई है। दोनों ही एजेंसियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं। हाल ही में हाईकोर्ट ने व्यापमं घोटाले में सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज केस की सुनवाई पूर्व से गठित स्पेशल कोर्ट में ही करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है, लेकिन इन दोनों ही जांच एजेंसियों के पास फिलहाल व्यापमं से जुड़े मामले में एक भी ऐसा केस नहीं है, जिसे स्पेशल कोर्ट में पेश किया जा सके। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि पुलिस उन्हें केस ट्रांसफर नहीं कर रही है, जबकि पुलिस का कहना है कि सीबीआई ने ही कई मामले यह कहकर वापस कर दिए हैं कि इनमें पुलिस जांच करें।



व्यापमं के घोटाला उजागर होने से अब तक लगभग 1800 शिकायतें हो चुकी हैं। हालांकि पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार एसटीएफ को 1357 शिकायतें मिली थीं। इसमें से 307 शिकायतों की जांच कर 79 केस दर्ज किए गए। पुलिस ने अब तक 185 मामले सीबीआई को भेजे हैं, जिनमें से 38 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई। एसटीएफ ने 530 शिकायतें जांच के लिए जिला पुलिस को भेजी। जांच के बाद 325 शिकायतें बंद कर दी गईं। लगभग 200 शिकायतें अभी भी एसटीएफ के पास लंबित हैं। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट अब तक आधा दर्जन मामलों में फैसला सुना चुकी है। व्यापमं से जुड़े लगभग 140 प्रकरणों में अब तक 2300 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से आधा दर्जन मामलों में जल्द ही फैसला आ सकता है।

रसूखदारों के नाम आने से केस दर्ज नहीं किए जा रहे
व्यापमं से जुड़े कई मामलों को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी कहते हैं कि सीबीआई और राज्य पुलिस के बीच तालमेल ठीक न होने से कई शिकायतें अभी भी पुलिस के पास अटकी हुई हैं। सीबीआई इस बारे में राज्य पुलिस को पत्र लिखकर कह चुकी है कि या तो केस उन्हें ट्रांसफर कर दिए जाएं या उनमें एफआईआर दर्ज करें। चतुर्वेदी का कहना है कि कई मामलों में पुलिस जांच पूरी भी कर चुकी है लेकिन कुछ नेताओं और रसूखदारों के नाम आने से केस दर्ज नहीं किए जा रहे हैं। एसटीएफ के एडीजी विपिन माहेश्वरी ने कहा कि कुछ शिकायतें पेंडिंग हैं लेकिन इनका खुलासा नहीं किया जा सकता।

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