भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

लाड़ली बहना योजना से जुड़ी प्रक्रियाएं समय पर पूर्ण करें

  • मुख्यमंत्री ने कहा योजना को लेकर महिलाओं में उत्साह

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के प्रति बहनों का उत्साह प्रशंसनीय है। बहनों के सशक्तिकरण की दृष्टि से यह अति महत्वपूर्ण योजना है। विभागीय अधिकारी और जिला स्तर पर पदस्थ प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी योजना से जुड़ी प्रक्रियाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन से जुड़ी आवश्यक तैयारियों की जानकारी प्राप्त कर रहे थे।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ प्रदान करने के लिए पात्र बहनों का ई-केवायसी से जुड़ा कार्य पूर्ण किया जा रहा है। जिलों में कार्य को गति मिली है। मंदसौर, उज्जैन, राजगढ़, बालाघाट और इंदौर इस कार्य में प्रदेश के 5 शीर्ष जिलों में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान 5 मार्च को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का औपचारिक शुभारंभ कर चुके हैं। योजना में 25 मार्च से आवेदन भरवाने का काम शुरू होगा। आगामी 10 जून से पात्र बहनों को प्रति माह 1000 रूपए मिलना प्रारंभ हो जायेंगे। योजना का लाभ लेने के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे महिलाओं को आवेदन की पूर्ति में कठिनाई न हो। आवेदन भरने के लिये वार्ड और ग्राम में ही औपचारिक कार्यवाही पूर्ण करवाई जाएगी। जन-प्रतिनिधि, प्रशासनिक अमला और सामाजिक कार्यकर्ता बहनों के हित में सक्रिय भूमिका निभा कर योजना के क्रियान्वयन में सहयोग देंगे।


उपार्जन कार्य की जरूरी तैयारियां पूरी करें, मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मप्र में रबी उपार्जन कार्य के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो, मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में प्रदेश में रबी उपार्जन कार्य के लिए की गई तैयारियों संबंधी बैठक में यह निर्देश दिए। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहू लाल सिंह, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रदेश में इस वर्ष उपार्जन के लिये करीब 15 लाख किसान पंजीयन करवा चुके हैं। गत वर्ष हुए पंजीयन की तुलना में तीन चौथाई पंजीयन हो चुके हैं। लगभग 20 लाख पंजीयन होने की संभावना है। अनाज के भण्डारण एवं परिवहन के लिए आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं। प्रदेश में 25 मार्च से गेहूँ उपार्जन शुरू होगा। संभागवार तिथियाँ निर्धारित की गईं हैं। भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभागों में 25 मार्च से उपार्जन प्रारंभ होगा। जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चम्बल संभाग में एक अप्रैल से उपार्जन कार्य प्रारंभ होगा। प्रदेश में 4 हजार 223 उपार्जन केंद्र कार्य करेंगे। बारदाना व्यवस्था में करीब 3 लाख गठान की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार प्रबंध हो चुका है। वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभव है। भण्डारण के लिए भारतीय खाद्य निगम, अधिग्रहित गोदाम, ओपन केप, सायलो बैग सभी शासकीय और अद्र्धशासकीय एजेंसियों के गोदाम उपलब्ध हैं।

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