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राजस्थान: मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस, लेकिन 24 विधायक बढ़ा रहे टेंशन

जयपुर: कांग्रेस मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी है. लेकिन 24 सीटें अभी भी कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं. खास बात यह है कि सरकार को मजबूती इन्हीं सीटों से मिल रही है. लेकिन संगठन के लिए ये सीटें बड़ा सिरदर्द हैं. दरअसल इन सीटों पर कांग्रेस के खुद के विधायक जीतकर नहीं आए हैं. ये सीटें या तो दूसरे दलों के पास हैं या फिर निर्दलीय इन सीटों पर चुनाव जीतकर आए. सरकार बनाने के साथ ही सरकार बचाने के लिए भी पार्टी को इन विधायकों के साथ की जरुरत पड़ी.

बार-बार संकट के समय में इन विधायकों ने गहलोत सरकार का साथ दिया. धीरे-धीरे सरकार के साथ ही संगठन में भी इन विधायकों की चवन्नी चलने लगी और पार्टी भी संगठन से जुड़े कार्यों में इन विधायकों को आगे रखने लगी. ऐसे में इन क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले मूल रुप से कांग्रेसी परेशान हैं. बार-बार ये कांग्रेसी नेता अपनी नाराजगी और पीड़ा जाहिर कर रहे हैं. इन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार में भले ही इन विधायकों का साथ जरुरी हो लेकिन संगठन में तो मूल रुप से कांग्रेसियों को ही तवज्जो मिलनी चाहिए.


निर्दलीयों और विभिन्न दलों से गठबंधन के बाद भी कांग्रेस इन सीटों पर कमजोर है. इन सीटों पर कांग्रेस का संगठन कमजोर पड़ता जा रहा है और बार-बार मनमुटाव खुलकर सामने आ रहे हैं. पार्टी के नेता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जहां पर पार्टी प्रत्याशी भाजपा से हारा वहां कांग्रेस के नेताओं की ही सरकार में चलती है. लेकिन इन 24 सीटों पर हारने वाले प्रत्याशियों के काम नहीं हो पा रहे हैं.

इन 24 सीटों में से 13 पर निर्दलीय, 2 पर माकपा, 2 पर बीटीपी और एक पर आरएलडी प्रत्याशी चुनाव जीते जो सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं 6 सीटों पर बसपा प्रत्याशी जीते थे जो अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. जिन 24 सीटों पर पर जीतकर आए विधायकों का सरकार द्वारा साथ लिया जा रहा है वहां कांग्रेस संगठन के हालात लम्बे समय से खराब चल रहे हैं. इनमें से 15 विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं जिन पर पार्टी की लगातार 3-3 बार हार हो रही है. ऐसे में इन सीटों के हालात सुधारना पार्टी के लिए बेहद जरुरी है. नहीं तो 2023 में पार्टी को इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है.

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