चुनाव 2024 मध्‍यप्रदेश राजनीति

Madhya Pradesh Assembly : चुनाव में राजपरिवार के उम्‍मीदवार भी उतरे मैदान में

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के लिए एक तरफ जहां बीजेपी ने कई दिग्गजों पर दांव खेल रही तो वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है। इस बार भाजपा ने कई सांसदों और केंद्र सरकार में मंत्रियों को एमपी विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है, जिनमें तीन केंद्रीय मंत्री और सात सांसदों के नाम शामिल हैं। इस बार के मुकाबले में राजपरिवारों से उम्‍मीदवारों को मैदान में उतारा गया है।

चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ-साथ मध्य प्रदेश में सियासी सरगर्मी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। उधर, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतर उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इन सूचियों में कई ऐसे नाम हैं, जिनका ताल्लुक राजघरानों से है। सूची में दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन और उनके भाई लक्ष्मण सिंह जैसे चर्चित नाम हैं।



राघोगढ़ रियासत
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव राघोगढ़ राजपरिवार दो सदस्य अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने राघोगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं चचौड़ा से पार्टी ने दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह को मैदान में उतारा है।

राघोगढ़ ब्रिटिश राज में ग्वालियर रेजीडेंसी की एक रियासत हुआ करती थी। इसकी स्थापना 1673 में लाल सिंह खीची ने की थी। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह-II इस राजघराने के अंतिम शासक रहे।

चुरहट राजपरिवार
चुरहट रियासत से आने वाले दिग्गज कांग्रेसी अजय सिंह राहुल चुरहट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा अर्जुन सिंह ने पंजाब के राज्यपाल और केंद्र में मंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई है। अर्जुन सिंह के पिता शिव बहादुर सिंह चुरहट के 26वें राव थे। चुरहट रीवा राजपरिवार की एक शाखा हुआ करती थी।

देवास राजघराना
देवास राजघराने से ताल्लुक रखने वाली गायत्री राजे पंवार को देवास विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। गायत्री राजे अभी इस सीट से विधायक भी हैं। उनका विवाह देवास के दिवंगत महाराजा वरिष्ठ तुकोजी राव पवार से हुआ था। देवास राजवंश के महाराज तुकोजीराव चतुर्थ विक्रमादित्य के राजवंश से संबंध रखते थे। उनके पूर्वजों ने 250 वर्षों तक देवास राजघराने पर शासन किया।

रीवा राजघराना
रीवा राजघराने से आने वाले दिव्यराज सिंह को रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा से टिकट मिला है। दिव्यराज अभी सिरमौर सीट से ही भाजपा के विधायक हैं। उनके पिता और पुष्पराज सिंह भाजपा और कांग्रेस दोनों से रीवा से विधायक रह चुके हैं। पुष्पराज सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पुष्पराज सिंह के दादा गुलाब सिंह ब्रिटिश राज में रीवा राज्य के अंतिम आधिकारिक शासक थे।

मकड़ाई राजघराना
भाजपा ने हरसूद सीट पर मंत्री कुंवर विजय शाह काे उतारा है। वहीं टिमरनी से भाजपा ने विजय शाह के भाई संजय शाह को टिकट दिया है। दोनों का मकड़ाई राजघराने से नाता है। विजय ने भाजपा के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव 1990 में लड़ा था। वर्तमान में विजय शाह शिवराज सरकार में कैबिनेट वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं। मकड़ाई रियासत से विजय शाह प्रदेश में मंत्री हैं। वहीं टिमरनी से संजय शाह वर्ष 2008 से जीत रहे हैं। 2018 के चुनाव में टिमरनी से संजय शाह ने कांग्रेस उम्मीदवार और अपने भतीजे अभिजीत शाह को हराया था। विजय शाह के एक भाई अजय शाह कांग्रेस में हैं।

अमझेरा राजघराना
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को धार जिले की बदनावर सीट से उम्मीदवारी थमाई गई है। अमझेरा राजघराने से ताल्लुक रखने वाले राजवर्धन शिवराज सरकार में उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। स्थानीय लोग उन्हें दत्तीगांव जागीर के नामधारी मुखिया या दत्तीगांव के महाराजा या राव साहब के नाम से बुलाते हैं। राजवर्धन चार बार से बदनावर के विधायक हैं।

ग्वालियर राजघराना
ग्वालियर ऐसा राजघराना है जिसके सदस्य मध्य प्रदेश और राजस्थान से लेकर केंद्र तक की सियासत में हैं। राजस्थान की झालरापाटन सीट से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को टिकट थमाया है। दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया राजघराने से ताल्लुक रखती हैं। उनके भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र में मंत्री हैं, जबकि बहन यशोधरा राजे

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