नई दिल्ली (New Delhi)। वायनाड से संसद सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को ‘मोदी सरनेम’ (Modi surname) मामले में पहले सूरत की अदालत ने दोषी मानते हुए उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता भी खत्म हो गई है, हालांकि सुनवाई के बाद अदालत (court) से उन्हें जमानत दे दी है, अब इस मामले की सुनवाई 13 अप्रैल को होगी, लेकिन इस मामले के बाद पूरी कांग्रेस बैकपुट पर आ गई है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि मामले के बाद पार्टी सतर्क नजर आ रही है। खबर है कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला करने से बचने के लिए कहा है। 2019 में एक रैली के दौरान ‘मोदी’ सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी करने के चलते मार्च में ही सूरत की कोर्ट ने राहुल को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने सलाह दी है, ‘अगर हम मोदी के खिलाफ कुछ कहेंगे, तो उसे कुछ और ही समझ लिया जाएगा और चुनावी तस्वीर बदलने की कोशिश की जाएगी…।’ खबर है कि कांग्रेस ने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का उदाहरण दिया है और दावा किया है कि गुजरात चुनाव के दौरान उनके बयान को तोड़ा मरोड़ा गया था।
कांग्रेस ने भ्रष्टाचार, बढ़ती कीमतों जैसे मुद्दों को उठाने का प्लान बनाया है। इसके अलावा पार्टी ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, घर की महिला प्रमुखों को 2 हजार रुपये प्रतिमाह, बेरोजगार ग्रेजुएट्स को 3 हजार रुपये प्रतिमांह और गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को 10 किलो चावल देने का वादा किया है। राज्य में 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी।
सूरत की कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ कांग्रेस नेता ने सेशंस कोर्ट में अपील की है। अब इस मामले की सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। दोषी पाए जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी। साथ ही सचिवालय की तरफ से उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी दिया गया था।
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