भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का ब्लैक पेपर जारी

  • कांग्रेस ने इस ब्लैक पेपर को जनता की आवाज़ नाम दिया है

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में 28 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए शुक्रवार को ब्लैक पेपर जारी किया है। इसमें भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों का जिक्र है। भाजपा के 15 साल के शासन की तुलना कांग्रेस के 15 महीने से की गयी है। उप चुनाव के इस माहौल में प्रदेश कांग्रेस अब भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई है। पीसीसी ने भाजपा सरकार के पहले 15 साल और मौजूदा 5 महीने पर ब्लैक पेपर जारी किया है। कांग्रेस ने जनता के आरोप नाम से जारी पत्र में भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने, घोटालों और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस आरोपपत्र में प्रदेश बेहाल होने का स्लोगन दिया है।

कांग्रेस के आरोप पत्र पर नजर डालें तो
भाजपा की 15 साल की सरकार के दौरान किसानों के साथ अन्याय, अपराध बढऩे, स्वास्थ सेवाओं का बुरा हाल, व्यापम, पीएमटी घोटाले से लेकर, बेरोजगारी, शिक्षा में घोटाला, सोलर पंप घोटाला, बुंदेलखंड पैकेज घोटाला, पेंशन घोटाले का जिक्र किया है। कांग्रेस के निशाने पर मौजूदा भाजपा सरकार के 5 महीने भी हैं। अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान भाजपा सरकार के शासन पर कांग्रेस ने दलित अपराध बढऩे, कृषि बजट में कटौती करने, कन्या विवाह सहायता योजना में कटौती करने से लेकर बढ़ते अपराधों और माफिया राज के सक्रिय होने का आरोप लगाया है।

पूरे प्रदेश में बांटा जाएगा ब्लैक पेपर
दरअसल कांग्रेस पार्टी 28 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में इस आरोप पत्र के जरिए भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश में है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने कहा कांग्रेस पार्टी इस आरोप पत्र को उपचुनाव वाले इलाकों के साथ ही पूरे प्रदेश में बांटेगी। रावत के मुताबिक भाजपा सरकार की विफलताओं को लेकर कांग्रेस का आरोप पत्र जनता की अदालत में पेश किया जाएगा और जनता भाजपा के भविष्य का फैसला करेगी।

भाजपा पर वार
2018 के चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी। अब 28 सीटों के उपचुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस भाजपा सरकार के शुरुआती 15 साल और मौजूदा 5 महीने पर आरोप पत्र जारी कर भाजपा को घेर रही है। कांग्रेस का यह वार जनता पर कितना असरदार होता है यह 10 नवंबर को घोषित होने वाले उपचुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा।

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